कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कथित तौर पर निशाना बनाकर बनाए गए एक कार्टून को साझा करने के मामले में आरोपी एक प्रोफेसर को 11 साल बाद अलीपुर की एक अदालत ने शुक्रवार को आरोपमुक्त कर दिया. कार्टून को ईमेल के माध्यम से कुछ लोगों को भेजने पर प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा के खिलाफ अप्रैल 2012 में कोलकाता के पूर्वी यादवपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में उन्हें एक अदालत ने जमानत दे दी थी.
प्रोफेसर महापात्रा ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और पार्टी की नेता ममता बनर्जी ने 2011 में सत्ता में आने के बाद ही अलोकतांत्रिक कार्य शुरू कर दिए. वास्तव में, ममता बनर्जी सरकार आलोचना नहीं सुनना चाहती. अगर कोई उनकी पार्टी और सरकार की आलोचना करता है, तो वे उस व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने के लिए पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई की जीत हुई है. यह मामला भविष्य में एक उदाहरण साबित होगा.
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने महापात्रा को उन पर लगे आरोपों से मुक्त कर दिया. न्यायाधीश ने 14 सितंबर, 2021 के अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मामले में आरोप मुक्त करने के महापात्रा के निवेदन को खारिज कर दिया गया था. यादवपुर विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर महापात्रा को 14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार किया गया था.