बिलासपुर: बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. पुलिस ने आबकारी एक्ट के मामले में युवक को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था. परिजन युवक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. पुलिस पर मारपीट और पैसे मांगने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं कैदी की मौत के बाद अब जांच की बात कही जा रही है. कैदी की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर चक्काजाम किया. रात में भी बिलासपुर में लोगों का चक्का जाम जारी है.
बिलासपुर के गनियारी कोटा मुख्य मार्ग पर लोगों ने लगाया जाम: इस घटना से गुस्साए लोगों ने शव को रोड पर रखकर जाम लगा दिया है. वह बिलासपुर गनियारी मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मौके पर पुलिस के अधिकारी पहुचे हुए हैं. लेकिन मामले को शांत कराने में अब तक सफलता नहीं मिली है.
क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को कोटा थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध शराब रखने और बेचने वालों पर कार्रवाई करते हुए अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए थे. इस दौरान गनियारी के रहने वाला उमेंद्र वर्मा नाम के युवक को भी पुलिस ने 13 लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया था. आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को न्यायालय से जेल दाखिल किया गया था.
परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप: कैदी की मौत के बाद, उमेंद्र के पिता ने सवाल उठाते हुए पिता रंगलाल वर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि "पुलिस वाले शुक्रवार को घर आए और उमेंद्र को बिना किसी कारण के उठाकर ले गए. इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई. उसे छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की मांग की गई. वह 30 हजार लेकर गया था. पैसे नहीं देने पर उसे जेल भेज दिया गया. शनिवार को वह जेल में बेटे से मिलने गया था, तब उसने पुलिसकर्मियों की पिटाई करने और सीने में अंदरूनी चोट होने की जानकारी दी थी.