कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर यहां आयोजित पराक्रम दिवस समारोह में भाग लेने के लिए शनिवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है. बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया.
आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है. बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मैं किसी भी परिस्थिति में रहा हूं, ये नाम कान में पड़ते ही मैं एक नई ऊर्जा से भर गया.
पीएम ने कहा कि आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी. आज के ही दिन गुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा.
उन्होंने कहा कि मैं नेताजी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं. मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है. नेताजी के जीवन की ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है. उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए. इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था. उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा. उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया.
आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.
नेताजी ने संकल्प लिया था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे. नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया. उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया.
2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था. नेताजी ने दिल्ली दूर नहीं का नारा देकर लाल किले पर झंडा फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया.
पीएम ने कहा कि जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था. बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी। मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था.