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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले साल फिर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करने का जताया भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर नई दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया. इसके बाद उन्होंने देशवासियों को संबोधित भी किया. यहां से उन्होंने करीब 90 मिनट का भाषण दिया. यहां जानिए कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कौन-कौन सी बड़ी बातें कहीं.

Prime Minister Narendra Modi's speech
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण

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Published : Aug 15, 2023, 5:39 PM IST

Updated : Aug 15, 2023, 5:44 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर उभरते भारत की तस्वीर पेश की और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने आखिरी स्वतंत्रता दिवस भाषण में विश्वास जताया कि वह अगले साल फिर से लाल किले से देशवासियों को संबोधित करेंगे. उन्होंने भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा.

मोदी ने जीवन और शासन के हर क्षेत्र में सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने का आह्वान किया और आगामी चुनावों से पहले जनता को परिवारवादी पार्टियों से आगाह भी किया. उन्होंने लोगों को मोदी की गारंटी का आश्वासन देते हुए कहा कि अगले पांच सालों में वह भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनाकर रहेंगे.

प्रधानमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आगामी पांच वर्षों को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में सबसे बड़ा स्वर्णिम पल करार दिया और देशवासियों का आह्वान किया कि वे इस अवसर को न गंवाएं, क्योंकि इस कालखंड में उठाए गए कदम आने वाले एक हजार साल के इतिहास का निर्माण करेंगे. मोदी ने कहा कि यह आत्मविश्वास से भरा नया भारत है और अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए समर्पित है.

लाल किले की प्राचीर से करीब 90 मिनट के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने पिछले कई संबोधनों के विपरीत, किसी बड़ी कल्याणकारी योजना या प्रमुख नीतिगत पहल की घोषणा नहीं की, लेकिन उनके नौ वर्षों के कार्यकाल में भारत के विकास की प्रगति और वैश्विक कद में वृद्धि का एक सकारात्मक विषय उनके भाषण का मुख्य आकर्षण रहा. उन्होंने खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया, जो जनता से उभरा है और उनके लिए जीवन और सपने देखता है.

उन्होंने कहा कि मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं. अगर मुझे सपना भी आता है, तो आपके लिए आता है. अगर मैं पसीना भी बहाता हूं, तो आपके लिए बहाता हूं, इसलिए नहीं कि आपने मुझे दायित्व दिया है, मैं इसलिए कर रहा हूं कि आप मेरे परिवारजन हैं और आपके परिवार के सदस्य के नाते मैं आपके किसी दु:ख को देख नहीं सकता हूं.

उन्होंने महिलाओं व समाज के गरीब एवं वंचित तबकों पर केंद्रित योजनाओं पर बल दिया और भावी एजेंडा पेश करते हुए युवाओं को संदेश दिया कि देश उन्हें हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने को तैयार है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जिस परियोजना का शिलान्यास करती है, उसका उद्घाटन भी वही करती है.

वर्ष 2024 के अगले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले की प्राचीर से यह मोदी का 10वां और दूसरे कार्यकाल का आखिरी संबोधन था. अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव होने हैं. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मणिपुर हिंसा का भी उल्लेख किया और कहा कि शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा तथा इसके लिए केंद्र तथा राज्‍य सरकार मिलकर प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिया कि महंगाई से राहत देने के लिए उनके नेतृत्व वाली सरकार के प्रयास जारी रहेंगे. लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में 2,000 से अधिक मेहमानों ने भाग लिया, जिसमें मंत्री, राजनयिक, अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के 400 सरपंच, पूरे भारत से 50 नर्स और उनके परिवार और स्कूलों के 50 असाधारण शिक्षक शामिल थे.

सफेद कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा के साथ बहुरंगी राजस्थानी बांधनी प्रिंट का साफा पहने प्रधानमंत्री ने लाल किला पहुंचने के बाद सलामी गारद का निरीक्षण किया और फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया. इसके बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बदलाव का वादा मुझे यहां ले आया. मेरा प्रदर्शन मुझे एक बार फिर यहां ले आया. आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं. 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में भारत के सपने को साकार करने के लिए यह एक स्वर्णिम क्षण है.

मोदी ने कहा कि अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज एक निर्णायक मोड़ पर है और उसके पास कोविड-19 महामारी के बाद उभर रही नई विश्व व्यवस्था को आकार देने की ताकत है तथा दुनिया भर के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत को रोका नहीं जा सकता.

उन्होंने कहा कि भारत अस्थिरता के युग से मुक्त हो गया है. 2014 में हम 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे. आज 140 करोड़ नागरिकों के प्रयासों से हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. यह यूं ही नहीं हुआ. भ्रष्टाचार के जिस दानव ने देश को अपने चंगुल में जकड़ रखा था, हमने उसे रोका और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई. उन्होंने कहा कि वह अगले पांच वर्षों में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनाकर रहेंगे.

उन्होंने कहा कि यह मोदी की गारंटी है. राष्ट्र सर्वप्रथम को अपनी सरकार की नीतियों का आधार बताते हुए मोदी ने कहा कि लोगों ने 2014 और 2019 में ऐसी सरकार बनाई, जिससे उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने की ताकत मिली. मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा है और उन्हें विश्वास है कि देश ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह दुनिया में स्थिरता की गारंटी लेकर आया है.

उन्होंने कहा कि अब न तो हमारे दिमाग में और न ही दुनिया के दिमाग में कोई किंतु-परंतु है. एक विश्वास विकसित हुआ है. अब गेंद हमारे पाले में है. हमें इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति को केवल दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से ही बल नहीं मिल रहा है, बल्कि अब तो टियर-2 शहरों के युवा भी देश की प्रगति में समान प्रभाव पैदा कर रहे हैं.

मोदी ने कहा कि युवाओं के लिए मेरा संदेश है कि अवसरों की कोई कमी नहीं है, यह देश आपको, जितना चाहें, उतने अवसर देने के लिए तैयार है. यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत की क्षमता और संभावनाएं विश्वास की नई ऊंचाइयों को पार करने जा रही हैं, उन्होंने कहा कि विश्वास की ये नई ऊंचाइयां नई क्षमताओं के साथ आगे बढ़ेंगी. मोदी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को लोकतंत्र की तीन ऐसी विकृतियां करार दिया, जिनसे देश तथा समाज का बहुत नुकसान हुआ है.

उन्होंने कहा कि इन तीनों बीमारियों के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की राह में अगर कुछ रुकावटें हैं, तो ये विकृतियां ही हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 75 सालों में कुछ विकृतियां ऐसे घर कर गई हैं, हमारी सामाजिक व्यवस्था का ऐसा हिस्सा बन गई हैं... कभी-कभी तो हम आंख भी बंद कर लेते हैं. लेकिन अब आंखें बंद करने का समय नहीं है. संकल्पों को सिद्ध करना है, तो हमें आंख-मिचौली खत्म करके, आंख में आंख डालकर तीन बुराइयों से लड़ना है. यह समय की बहुत बड़ी मांग है.

मोदी ने कहा कि हमारे देश की सभी समस्याओं की जड़ में भ्रष्टाचार है, जिसने दीमक की तरह देश की सारी व्यवस्थाओं को, देश के सामर्थ्य को पूरी तरह नोच लिया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए लड़ाई जारी रहेगी. यह मोदी के जीवन की प्रतिबद्धता है. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा. राजनीति में परिवारवाद का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने देश को लूट लिया और तबाह किया. उन्होंने कहा कि इसने जिस प्रकार से देश को जकड़ कर रखा है, उसने देश के लोगों का हक छीना है.

तुष्टीकरण को तीसरी बुराई करार देते हुए मोदी ने कहा कि इसने देश के मूलभूत चिंतन और सर्वसमावेशी राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगाया है और उसे तहस-नहस कर दिया है. बगैर किसी राजनीतिक दल का नाम लिए उन्होंने कहा कि इन लोगों ने देश का बहुत नुकसान किया है. इन तीनों बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है. भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन करते हैं.

उन्होंने कहा कि सपने अनेक हैं, संकल्‍प साफ है, नीतियां स्‍पष्‍ट हैं. नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है. लेकिन कुछ सच्‍चाइयों को हमें स्‍वीकार करना पड़ेगा और उसके समाधान के लिए मैं आज लाल किले से आपकी मदद मांगने आया हूं, मैं लाल किले से आपका आर्शीवाद मांगने आया हूं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों के स्थान पर परिवारजन शब्द का इस्तेमाल किया और कहा कि गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, पसमांदा हों या फिर आदिवासी भाई-बहन, इनके हक के लिए तीनों बुराइयों से मुक्ति पानी है.

उन्होंने कहा कि अगर देश विकास चाहता है, अगर देश 2047 में विकसित भारत का सपना साकार करना चाहता है, तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम किसी भी हालत में देश में इन्हें सहन नहीं करेंगे. मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भरसक प्रयास किये और जनता के इस बोझ को कम से कम करने के लिए आने वाले दिनों में भी प्रयास जारी रहेगा.

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच रखा है. मोदी ने कहा कि भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं. पिछले कालखंड की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है. लेकिन इतने से संतोष नहीं.... मुझे तो, मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में और भी कदम उठाने हैं. हम उन कदमों को उठाते रहेंगे, मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 15, 2023, 5:44 PM IST

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