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ट्रेनी IAS अफसरों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया 'गुरुमंत्र', कहा- कैरेक्टर इज द हाईएस्ट वर्चू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज मसूरी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन पहुंची. राष्ट्रपति ने अकादमी के 97वें फाउंडेशन कोर्स के 455 प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया. इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि आप सभी लोग सामूहिक भावना से देश को आगे बढ़ाने के लिये काम करेंगे. उन्होंने कहा कि करैक्टर इज द हाईएस्ट वर्चू का सिद्धांत लेते हुए आईएएस अधिकारी आगे बढ़ेंगे.

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Published : Dec 9, 2022, 4:09 PM IST

मसूरी:देहरादून राजभवन स्थित राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक और नक्षत्र वाटिका के उद्घाटन कार्यक्रम को पूरा करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारी सुरक्षा के बीच मसूरी लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी पहुंचीं. यहां उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के डारेक्टर श्रीनिवास कटिकितला ने उनका स्वागत किया.

राष्ट्रपति मुर्मू ने सिविल सर्विस एरीना पोलो कप का शुभारंभ किया: इस दौरान राष्ट्रपति ने पोलो ग्राउंड और इंस्टिट्यूशन ऑफ हैप्पी वैली सिविल सर्विस एरीना पोलो कप का शुभारंभ किया. उन्होंने पोलो ग्राउंड पर ही आयोजित होने वाले पर्वतमाला हिमालयन एंड नॉर्थ ईस्ट आउटडोर लर्निंग एरिना पोलो ग्राउंड का शुभारंभ किया.

ट्रेनी IAS अफसरों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया 'गुरुमंत्र'

सरदार पटेल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की: अकादमी में स्थापित सरदार पटेल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की बाद राष्ट्रपति ने वॉक वे ऑफ सर्विस का शुभारंभ किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में बनाए गए नए हॉस्टल ब्लॉक मॉनेस्ट्री स्टेट का भी शुभारंभ किया गया. वहीं, टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन सर्विस का भी शुभारंभ किया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्रेनी आईएएस को संबोधित किया:इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईएएस अकादमी के संपूर्णानंद ऑडिटोरियम में 97 फाउंडेशन कोर्स के 455 प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी को देश के लिए बेहतर प्रशासनिक अधिकारी दिए जाने को लेकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सभी प्रशिक्षु आईएएस से मिलकर उन्हें आज भारत की विविधता में एकता का प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिल रहा है और यही फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र है. उनको पूरा विश्वास है कि सभी लोग सामूहिक भावना से देश को आगे बढ़ाने के लिये काम करेंगे.

कैरेक्टर इज द हाईएस्ट वर्चू मूलमंत्र दिया: उन्होंने कहा कि 'कैरेक्टर इज द हाईएस्ट वर्चू' का सिद्धांत लेते हुए आईएएस अधिकारी आगे बढ़ेंगे. इस मौके पर उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा संविधान के प्रति निष्ठा का भाव रखने का संदेश दिया था और वह स्वयं इस बात को दोहराना चाहती हैं कि हम सब को समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए संवेदनशील होना होगा. देश की सेवा करते समय अधिकारियों के सामने कई चुनौतियां सामने आएंगी, परंतु उनको अकादमी के दौरान सिखाए गए गुणों को अवलोकन करते हुए उन चुनौतियों का सामना करना होगा.

उपेक्षितों वंचितों को विकास का किया आग्रह: उन्होंने कहा कि भारत को उन्नति और प्रगति की ओर अग्रसर करना के लिए सभी अधिकारियों की संवैधानिक जिम्मेदारी है और नैतिक उत्तरदायित्व भी है. समाज के उन्नति का सभी कार्य संपन्न हो सकता है पर उसके लिये सभी को साथ लेकर चला होगा. उनका मानना है कि समाज के उपेक्षित और वंचित लोगों के विकास के लिए निर्णय लेंगे तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सफल होंगे.

प्रशिक्षण को जमीन पर उतारें अधिकारी: उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के द्वारा 75वें अमृत महोत्सव के तहत देश के 75 स्वतंत्रता सेनानियों के गांव में पहुंचकर देश के लिए आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले महान आत्माओं से प्रेरणा ली है और सभी ट्रेनी अधिकारियों को एक आम आदमी बनकर देश की सेवा करनी होगी. उन्होंने कहा कि 75 गांव में प्रवास के दौरान अधिकारियों ने गांव की समस्याएं मूलभूत सुविधाओं के बारे को भी समझने का मौका मिला और उनका पूरा विश्वास है कि अधिकारी इसको प्रशिक्षण के तहत सीमित नहीं रखेंगे, सरकारी योजनाओं को प्रत्येक जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम भी करेंगे और गांव के विकास के साथ मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे.

देश के विकास के लिए करें काम: उन्होंने कहा कि आज जनता जागरूक है और सभी को गुड गवर्नेंस का ज्ञान है, ऐसे में लोगों की समस्या से जुड़ने के लिए आम जनता से जुड़ना जरूरी है. आम लोगों के साथ संवाद स्थापित करें जिससे देश के विकास के लिए काम कर सके. उन्होंने कहा कि उनको हर्ष हो रहा है कि 455 ट्रेनी अधिकारियों में 133 महिलाएं हैं. देश के विकास के लिए महिलाओं और पुरुषों का अहम योगदान है. उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील की है कि सेवा के दौरान जहां भी रहें लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें. बेटियां विभिन्न क्षेत्र में आगे आएंगी तो हमारा देश और समाज आगे बढ़ेगा.

वहीं वर्तमान समय के ज्वलंत मुद्दों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज की समस्या से जूझ रही है, इस समस्या के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने सभी से अपील की है कि पर्यावरण मंत्रालय जो भी कदम पर्यावरण को बचाने के लिए कर रही है, उसके लिए सभी लोगों को प्रभावी रूप से साथ देना होगा, जिससे आने वाला कल सुरक्षित हो सके.

उन्होंने कहा कि कि सभी प्रशिक्षु अधिकारियों का टाइम कैप्सूल बनाया गया है जिसको 2047 में खोला जाएगा, तब सभी अधिकारी अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए गौरवान्वित महसूस करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश को 2047 तक दुनिया में सर्वश्रेष्ठ देश बनाए जाना है, और सभी के सहयोग से ही ये पूरा हो पाएगा.
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अपने संबोधन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अकादमी के विजिटर बुक में साइन किया और फिर वो भारी सुरक्षा के बीच मसूरी से देहरादून के लिए रवाना हो गईं. बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मसूरी दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. चप्पे-चप्पे पर सैनिक बल और पुलिस फोर्स तैनात की गई थी.

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