वाराणसी: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने शनिवार को वाराणसी में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या को सेना भर्ती की अग्निपथ जैसी योजना का दुष्परिणाम बताया है. प्रमोद तिवारी ने कहा कि एक बात महत्वपूर्ण है कि जिस हत्यारे ने शिंजो आबे की हत्या की है, वह यहां की अग्निपथ जैसी ही योजना का निकला हुआ अग्निवीर था. तीन साल उसने नौसेना में काम किया था और फिर वह पूरी तरह से बेरोजगार हो गया था. ऐसे में हमें लगता है कि हमारे भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री सबक सीखेंगे. जापान की दुख भरी घटना का संदेश वह समझेंगे, साथ ही, अग्निपथ योजना को समाप्त कर सेना भर्ती का पारंपरिक तौर-तरीका जारी रखेंगे.
प्रमोद तिवारी ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली में देवी-देवताओं के विवादित पोस्टरों को लेकर छिड़े घमासान को लेकर कहा कि हमें ऐसा लगता है कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए सरकार यह सब करा रही है वरना मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि कैसे हिम्मत पड़ जा रही है कि हमारी आराध्य देवी का कोई इस तरह से अपमान करे. एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि जैसे अंग्रेज सत्ता प्राप्त करते थे वैसे ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लोगों को आपस में लड़ाकर सत्ता प्राप्त कर रही है. भाजपा सत्ता तो प्राप्त कर ले रही है, लेकिन उसकी कीमत देश चुका रहा है.
अग्निपथ जैसी योजना से निकले अग्निवीर ने की शिंजो आबे की हत्या: प्रमोद तिवारी
वाराणसी पहुंचे कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि अग्निपथ जैसी योजना से निकले अग्निवीर ने ही जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या की है.
प्रमोद तिवारी ने कहा कि आज मैं दुखी हूं कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का प्रयास हुआ है. मौजूदा सरकार ने कहा है कि अब खादी का राष्ट्रीय ध्वज नहीं बनेगा. अब पॉलीथिन या पॉलिस्टर से राष्ट्रीय ध्वज बनेगा. वह पॉलिस्टर कहां से आएगा जिसने हमारी हजारों किलोमीटर जमीन कब्जा कर रखी है. प्रधानमंत्री ऐसे अहम मसले पर चुप रहते हैं. वह उदयपुर, अमरावती और जम्मू जैसी घटनाओं पर भी चुप रहते हैं जबकि ऐसी घटनाओं में भाजपा कार्यकर्ताओं का नाम भी सामने आ रहा है.वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज को लेकर उन्होंने कहा कि यहां क्या हो रहा है ? ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर हो रहा भ्रष्टाचार अब सबके सामने खुलकर आ रहा है. सरकार रोजगार दे नहीं रही है बल्कि झूठा ढिंढोरा पीट रही है. इसी तरह से किसान भी परेशान हैं और उत्तर प्रदेश में बहन-बेटियां असुरक्षित हैं.
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