पणजी : सोमवार को आए विभिन्न एग्जिट पोल्स में गोवा में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई है. इसके बाद से कांग्रेस, भाजपा, गोवा की राजनीति में प्रमुख दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को गोवा के एक रिसॉर्ट में बुला लिया है. कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार एक बार फिर हालात संभालने के लिए गोवा में कैंप करने वाले हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पहले से ही इस तटीय राज्य में जमे हैं. उन्होंने कहा कि मतगणना से पहले गोवा में उनकी बातचीत पार्टी के नेताओं और अन्य विपक्षी दलों से चल रही है. शिवसेना ने आरोपों की बौछार शुरू कर दी है. शिवसेना नेता संजय राउत आईपीएस रश्मि शुक्ला पर गोवा के नेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगा चुके हैं. भाजपा के सीएम कैंडिडेट प्रमोद सावंत भी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद एमजीपी से गठबंधन की संभावना तलाश कर रहे हैं.
मतगणना से पहले कांग्रेस ने 2017 वाली चूक रोकने के लिए दिग्गज नेताओं को गोवा में उतार दिया है. सीनियर नेता पी चिदंबरम के गोवा पहुंचते ही पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की निगरानी बढ़ा दी है. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को दलबदल से बचाने के लिए गोवा के एक बीच रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है. गोवा कांग्रेस के प्रभारी दिनेशजी राव ने कहा कि अक्सर एग्जिट पोल सही भविष्यवाणी नहीं करते हैं. पार्टी ने ग्राउंड लेवल पर अपना आकलन किया है. हमें विश्वास है कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा और गोवा फॉरवर्ड (पार्टी) के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी. चुनाव के रुझानों को देखते हुए कांग्रेस ने सतर्कता बढ़ा दी है. पार्टी ने बड़ी नेताओं को सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपकर चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भेजा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ हफ्ते पहले इस संबंध में एक बैठक की थी.
बता दें कि गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए 78.94 प्रतिशत मतदान हुआ है. सबसे अधिक वोटिंग उत्तरी गोवा के सांखालिम निर्वाचन क्षेत्र में (89.61 फीसदी) में हुई थी, जबकि सबसे कम मतदान 70.20 प्रतिशत दक्षिण गोवा के बेनौलिम में हुआ था. 10 मार्च को गोवा 301 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. गोवा में पुरुष से ज्यादा महिला वोटर हैं. चुनाव आयोग के अनुसार, गोवा में कुल 11,56,460 वोटरों में 5,93,960 महिलाएं और 5,62,500 पुरुष हैं. पुरुषों की तुलना में 31,460 अधिक महिला मतदाता हैं. इसके बावजूद राजनीतिक दलों ने महिला उम्मीदवारों को टिकट देने में कंजूसी की. अब नतीजे बताएंगे कि महिलाओं ने किस पार्टी के लिए वोट किया.
तटीय राज्य गोवा में क्रिश्चियन की आबादी 33 फीसदी है. 40 में 15 विधानसभाओं में क्रिश्चियन आबादी जीत-हार तय करती है. गोवा के तालेगांव, कुंकोली, नवेली, नुवेम, कलंगुट, आंद्रे, वेलिम, एल्डोना, दाभोली, सेंट क्रूज़, कार्तोरी, सिलीम, कुर्चेड, बेनोली और फरतोदा में ईसाई मतदाताओं का प्रभाव ज्यादा है. आम आदमी पार्टी ने इस बार भंडारी समुदाय के प्रतिनिधि अमित पालेकर को उम्मीदवार बनाया है. भंडारी समुदाय के वर्चस्व वाली सीटों में तालेगांव, कुंकोली, नावेलिम, नुवेम, कलंगुट, आंद्रे, वेलिम, एल्डोना, दाभोली, सेंट क्रूज़, कार्तोरी, स्लिम, कुरच्ड, बेनोली और फरतोदा शामिल है. आम आदमी पार्टी अपनी रणनीति में कितना सफल होती है, यह भी 10 मार्च को तय होगा.
2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 37 उम्मीदवार उतारे थे. उसने तीन सीटें अपने सहयोगी जीएफपी (गोवा फॉरवर्ड पार्टी) को दी थी. भाजपा सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ी. आम आदमी पार्टी ने 39 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे. टीएमसी ने 26 और उसके गठबंधन के पार्टनर एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी) ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसके अलावा 68 निर्दलीय भी उम्मीदवार मैदान में हैं.
इस बार टिकट बांटने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों से दलबदल नहीं करने की शपथ दिलवाई. गोवा में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और राज्य के मतदाताओं के प्रति वफादारी की शपथ ली. इसके बाद कांग्रेस के सभी 36 उम्मीदवारों ने मंदिर, चर्च और मस्जिद में जाकर शपथ ली. शपथ के कारण महालक्ष्मी मंदिर, बम्बोलिम क्रॉस चर्च और बेटिम में हमजा शाह दरगाह सुर्खियों में आ गया.
2017 में भी हंग असेंबली बनी थी, मगर बीजेपी ने पहले सरकार बनाकर बाजी मार ली थी. इसका नतीजा यह रहा कि जुलाई 2019 में, विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में गोवा कांग्रेस के 10 कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद 40 सीटों वाले सदन में बीजेपी की ताकत बढ़कर 27 हो गई थी. 2022 के चुनाव में इनमें से 7 विधायक भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. जबकि कांग्रेस छोड़ने वाले दो विधायक निर्दलीय और एक राकांपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. चंद्रकांत कावलेकर क्यूपेम से बीजेपी कैंडिडेट हैं. फिलिप नेरी रोड्रिग्स एनसीपी का दामन थामकर वेलिम से दावेदारी की है. जेनिफर मोनसेराटे तालिगाओ से बीजेपी उम्मीदवार बनाए गए हैं. इसिडोर फर्नांडीस ने कैनाकोना से निर्दलीय ताल ठोका है. नीलकांत हलर्नकर को बीजेपी ने टिविम से उम्मीदवार बनाया है. अतानासियो मोनसेराटे भी एटानासियो मोनसेरेट से बीजेपी कैंडिडेट हैं. एंटोनियो फर्नांडीस सेंट क्रूज़ से बीजेपी उम्मीदवार हैं. फ्रांसिस सिलवीरा को बीजेपी ने सेंट आंद्रे से टिकट दिया था. विल्फ्रेड डी'सा भी नुवेम विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय कैंडिडेट हैं. 2019 में कांग्रेस के आए क्लैफसियो डायस कनकोलिम सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं.
प्रमुख कैंडिडेट, जिनका भविष्य ईवीएम में बंद है
प्रमोद सावंत (पार्टी- बीजेपी, निर्वाचन क्षेत्र- संक्वेलिम)
दिगंबर कामथ(पार्टी- कांग्रेस, निर्वाचन क्षेत्र- मडगांव)
लक्ष्मीकांत पारसेकर(पार्टी- निर्दलीय, निर्वाचन क्षेत्र- मंड्रेम)