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विभाजन के दौरान जान गंवाने वालों को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई.

PM Modi pay homage to all those who lost their lives during Partition on Partition Horrors Remembrance Day
पीएम मोदी उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देंगे जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई

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Published : Aug 14, 2022, 10:07 AM IST

Updated : Aug 14, 2022, 11:43 AM IST

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले भारत-पाकिस्तान बंटवारे को याद किया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'आज, 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई, और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर में पीड़ित सभी लोगों के लचीलेपन और धैर्य की सराहना करता हूं.'

'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाने वाले और अपनी जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी लोगों को उचित श्रद्धांजलि के रूप में हर साल 14 अगस्त को उनके बलिदान को याद करने के दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस पर देशवासियों को वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों के द्वारा झेले गए दर्द और पीड़ा की याद दिलायी जाती है. आज का दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करता है, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होती है.

भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली. स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है. हालांकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ देश को विभाजन का आघात भी सहना पड़ा. नए स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन के हिंसक दर्द के साथ हुआ, जिसने लाखों भारतीयों पर पीड़ा के स्थायी निशान छोड़े.

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विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए. लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा. 14-15 अगस्त, 2021 की आधी रात को पूरा देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, लेकिन इसके साथ ही विभाजन का दर्द और हिंसा भी देश की स्मृति में गहराई से अंकित है.

हालांकि, देश बहुत आगे बढ़ गया है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. लेकिन देश के विभाजन के दर्द को कभीभुलाया नहीं जा सकता है. अपनी आजादी का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र, मातृभूमि के उन बेटे-बेटियों को भी नमन करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी.

Last Updated : Aug 14, 2022, 11:43 AM IST

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