हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26-27 मार्च को दो दिनों के बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने पर जोर रहेगा. कोरोना संक्रमण के बाद पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है. उन्होंने एक ट्वीट भी किया है. इसके बावजूद सबसे अधिक चर्चा मतुआ समुदाय के सबसे पवित्र स्थल ओरकांडी को लेकर है. यहां मतुआ महासंघ के संस्थापक हरिचंद्र ठाकुर का मंदिर है. पं. बंगाल में मतुआ समुदाय करीब 70 सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं. शनिवार को प. बंगाल विधानसभा के पहले चरण का मतदान है. आइए एक नजर डालते हैं भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर.
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए सैन्य युद्ध की परिणति बांग्लादेश के रूप में देखने को मिली. तब से अब तक 50 साल बीत गए, लेकिन बांग्लादेश में उस खूनी संघर्ष के जख्म अब भी गहरे हैं. दिसंबर 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान के समर्थन में भारतीय सेना को भेजा था. 13 दिनों के युद्ध के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ. इस युद्ध को भुलाया नहीं जा सकता है. हिंसा के बाद आजादी मिली थी.
पश्चिमी पाकिस्तान का कुलीनतंत्र
पाकिस्तान ने कभी भी अपने ही पूर्वी इलाके (पूर्वी पाकिस्तान) को कभी तवज्जो नहीं दिया. सैन्य एवं नौकरशाही पर पश्चिमी पाकिस्तान का कुलीनतंत्र हावी रहा. बंगालियों की कोई दखल नहीं थी. 1970 में चुनाव में जीत हासिल करने के बावजूद पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर रहमान को सरकार बनाने की इजाजत नहीं दी गई. उनकी पार्टी आवामी लीग को स्पष्ट बहुमत मिला था. पश्चिमी पाकिस्तान किसी बंगाली नेता को देश पर शासन करने देने के लिए तैयार नहीं था. उलटे जनरल याह्या खान ने पाकिस्तान की सेना को चढ़ाई के लिए भेज दिया.
पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार
पश्चिमी पाकिस्तान ने 26 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में ऑपरेशन सर्चलाइट की शुरुआत कर दी. करीब 30 लाख लोग मारे गए. महिलाओं के साथ रेप किया गया. बच्चों को मार दिया गया. यह एक तरीके का नरसंहार था.
पाकिस्तान के बढ़ते अत्याचार के खिलाफ इंदिरा गांधी ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया. भारत ने अपनी सीमाएं खोल दीं. करीब एक करोड़ बांग्लादेशी भारत में शरण लेने के लिए आ गए.
भारत पर पाकिस्तान का हमला
पाकिस्तान ने तीन दिसंबर 1971 को पश्चिमी भारत के हवाई अड्डों पर हमला कर दिया. भारत ने अगले ही दिन चार दिसंबर को युद्ध की घोषणा कर दी. पाकिस्तान भारत के पश्चिमी इलाकों को टारजेट कर रहा था. लेकिन भारतीय जवानों ने उन्हें सफल होने नहीं दिया. भारत ने 15,010 किलोमीटर पाकिस्तानी जमीन कब्जे में कर लिया. 16 दिसंबर को भारत ने विजय की घोषणा कर दी. पूर्वी पाकिस्तान में तैनात पाकिस्तानी सैनिकों ने हथियार डाल दिए. इंदिरा गांधी ने इस दौरान दुनिया के नेताओं से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपील की. उसके अत्याचारों को उजागर किया. इंदिरा ने संसद में बांग्लादेश को मान्यता देने की घोषणा की. शेख मुजीबुर रहमान स्वतंत्र बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने.
बांग्लादेश को मान्यता देने वाला पहला देश था भारत
बांग्लादेश को मान्यता देने वाला भारत पहला देश था. 1971 में स्वतंत्रता के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए. पिछले चार दशकों से दोनों देशों के बीच राजनयिक, आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध विकसित हुए है. दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक संस्थागत ढांचे का निर्माण हुआ है.
मोदी के शपथग्रहण में बांग्लादेश के राष्ट्रपति
2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार अपने शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया था. मोहम्मद हामिद 30 मई 2019 को शामिल भी हुए थे. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अक्टूबर 2019 में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आई थीं. पीएम मोदी और शेख हसीना की मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के मौके पर भी हुई.