मुंबई:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से भारत की समुद्री नील अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक परियोजना 'अमृत काल विजन 2047' का अनावरण किया. इस योजना के तहत टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने और बंदरगाहों पर सेवाओं को बढ़ाने सहित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए कई रणनीतिक उपाय शामिल किए गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट के जरिए 23 हजार करोड़ की 21 बंदरगाह परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने गुजरात में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले टूना टेकरा ऑल-वेदर डीप ड्राफ्ट टर्मिनल की आधारशिला का भी अनावरण किया. वहीं इस मौके पर आयोजित समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तीसरे वैश्विक समुद्री शिखर सम्मेलन में कहा कि हम मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह रेल, समुद्र और जलमार्ग को एकीकृत करता है. उन्होंने कहा कि हम पीएम गति शक्ति योजना में लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.
राज्य की 720 किमी लंबी तटरेखा पर 2 प्रमुख बंदरगाह हैं. इसके साथ ही 14 से अधिक बंदरगाह और कई खाड़ियाँ भारत के समुद्री व्यापार की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र में कार्गो में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. यात्री परिवहन सेवाओं के लिए नए मार्ग शुरू किए गए. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बंदरगाहों में से एक है.
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यह टॉप 30 वैश्विक बंदरगाहों में से एक है. मुंबई पोर्ट अथॉरिटी दुनिया भर में सबसे अच्छा है. महाराष्ट्र विकास के मामले में हमेशा अग्रणी रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, निजी बंदरगाहों के लिए सड़क और रेल बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा, हमारी समुद्री नीति समुद्री पर्यटन, जहाज निर्माण, मरम्मत और रीसाइक्लिंग उद्योगों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से वैश्विक समुद्री क्षेत्र में भारत का स्थान ऊंचा हुआ है. मुख्यमंत्री ने निवेशकों से समुद्री क्षेत्र में महाराष्ट्र के साथ साझेदारी के लिए भारी निवेश करने की भी अपील की.