नई दिल्ली : डिजिटल जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें तेज गति से, बड़े पैमाने पर और वैश्विक संभावना के साथ ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए बहुत तेजी से, बडे पैमाने पर और विश्व स्तरीय ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए भारत और अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी की घोषणा की, जिससे निवेश जुटाने और पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिल सके.
जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित विश्व के 40 नेताओं की मौजूदगी थी. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि विकास की चुनौतियों के बावजूद भारत ने प्रदूषण रहित स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, पौधरोपण और जैव विविधता के क्षेत्र में 'कई साहसी कदम' उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है.
उन्होंने कहा, जलवायु के प्रति जवाबदेह एक विकासशील देश होने के नाते भारत सतत विकास का प्रारूप बनाने के लिए भागीदारों का स्वागत करता है. इससे उन विकासशील देशों को भी मदद मदद मिलेगी, जिन्हें स्वच्छ प्रौद्योगिकी और अन्य वित्तिय सुविधाओं की किफायती पहुंच की दरकार है.
उन्होंने कहा, इसलिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैं अमेरिका-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 समझौता शुरू कर रहे हैं. हम मिलकर निवेश जुटाने, स्वच्छ टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन और पर्यावरण के संरक्षण के प्रयोग में मदद करेंगे.
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