नई दिल्ली : इमरान खान की बीजिंग यात्रा (Imran Khan's visit to Beijing) में इस्लामाबाद की विफल अर्थव्यवस्था, अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के बाहर निकलने के बाद वैश्विक स्तर पर इसका अलगाव और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाक की स्थिति का चित्रण है.
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए यह संकट तभी हल हो सकते हैं जब बीजिंग आर्थिक और रणनीतिक दोनों तरह से उनका समर्थन करना जारी रखे. यह भी कहा जा रहा है कि पीएम खान अपनी यात्रा के दौरान चीन से 3 अरब डॉलर का कर्ज लेने पर अपना ध्यान केंद्रित रखेंगे ताकि उनकी नकदी की तंगी खत्म हो. साथ ही पाक पीएम खान कपड़े, जूते, फार्मास्यूटिकल्स, फर्नीचर, कृषि, ऑटोमोबाइल और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे उद्योगों में चीनी निवेश की भी तलाश करेंगे. लेकिन सबसे बुनियादी सवाल जो पीएम खान के दौरे से उपजा है, वह यह कि क्या पाकिस्तान का खाली कटोरा चीन की दरियादिली से भर जाएगा. या चीन इस मदद को अपने पैमानों पर तौलेगा. चीन कुछ भी देने से पहले बदले में क्या चाहता है? ये कुछ बड़े सवाल हैं जो पीएम खान के बीजिंग दौरे से सामने आएंगे.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने कहा कि अगर चीन का पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की ठोस सहायता देने का मन होता, तो वे पहले ही कर चुके होते. यह पाकिस्तान में चीनी कर्मियों पर सुरक्षा के लिए खतरे की तरह है, जिन्हें इस क्षेत्र में सबसे खराब अनुभव है. आखिरकार चीन, अमेरिका नहीं है. अमेरिका ने अतीत में बिना कोई सवाल पूछे पाकिस्तान को भारी मात्रा में धन दिया लेकिन चीन हमेशा वापसी की मांग करता है. इसलिए इस संदर्भ में चीन ऐसे समय में पाकिस्तान को ऋण नहीं देगा, जब चीन की अर्थव्यवस्था खुद मंदी का सामना कर रही है.
उन्होंने कहा कि इसमें और परेशानी जोड़ी जाए तो इमरान खान को इस्लामाबाद के आंतरिक राजनीतिक हलकों के भीतर एक गहरे और मजबूत विरोध का सामना करना पड़ रहा है. सेना के साथ उनका झगड़ा अब कोई रहस्य नहीं रहा है. जहां एक तरफ इमरान खान खुद को पाकिस्तान के नेता के रूप में प्रस्तावित करते हैं लेकिन यह सैन्य प्रतिष्ठान हैं जो सभी निर्णय लेता है. हालांकि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर समीकरण इस बैठक के बाद तेज हो सकता है. लेकिन यह भी नोट करने लायक है कि चीन इस तथ्य को स्वीकार करता है कि पाकिस्तान में उनकी उपस्थिति का बलूचिस्तान और अन्य क्षेत्रों में लोगों द्वारा घोर विरोध किया गया है.