मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल, शिवसेना सांसद संजय राउत और अन्य के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इंडियन बार एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि मंत्री पद पर बैठे प्रतिवादियों ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और पूरी न्यायिक प्रणाली के खिलाफ कई "झूठे, निंदनीय और अवमाननापूर्ण" आरोप लगाए हैं. अदालत और न्यायपालिका के प्रति आम आदमी के विश्वास को कम करने के लिए की गई टिप्पणी अदालत की सबसे बड़ी अवमानना है.
जनहित याचिका में सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी एवं शिवसेना के मुखपत्र सामना की संपादक रश्मि ठाकरे के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की भी मांग की गई है. याचिका में 'सामना' के मुद्रक और प्रकाशक विवेक कदम का नाम भी शामिल है. आरोप है कि कोर्ट की अवमानना करने वाले मंत्री पद पर और सत्ता में आसीन हैं और पूरी न्यायिक प्रणाली को बदनाम करने के अभियान में शामिल हैं. वह भी केवल इसलिए कि अदालतों द्वारा दिए गए निर्णय उनको सूट नहीं करता है. उनके (प्रतिवादी) अपने विरोधियों को जेल में रखने या सत्ता और पुलिस तंत्र के दुरुपयोग से उन्हें परेशान करने की योजना बना रहे हैं. इस न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के कारण विफल रहा.