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कोलकाता में ट्राम सेवा बंद होने से रोकने के लिए PIL, हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

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Published : Oct 9, 2022, 2:54 PM IST

कोलकाता ट्राम का इतिहास करीब डेढ़ सौ साल पुराना है (Tram service in Kolkata). ये एशिया की सबसे पुरानी सेवाओं में से एक है. लेकिन अब राज्य सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से बंद करने की तैयारी में है. इसे रोकने के लिए जनहित याचिका दायर की गई है. पढ़ें पूरी खबर.

PIL filed in Calcutta High Court to save trams
कोलकाता में ट्राम सेवा

कोलकाता : कोलकाता ट्राम सेवा बंद करने से रोकने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है (PIL filed in Calcutta High Court to save tram services). शहर की वकील सुलगना मुखर्जी (Sulagna Mukherjee) ने ऐसा किया है. यह जनहित याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ के समक्ष दुर्गा पूजा अवकाश से पहले दायर की गई थी.

वकील सुलगना मुखर्जी ने केस तो दर्ज कराया लेकिन उनकी ओर से समान विचारधारा वाले वकीलों का एक समूह केस लड़ रहा है. वहीं, राज्य की ओर से महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी पैरवी कर रहे हैं. इस बीच, अदालत को ट्राम के भविष्य पर राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं वाली एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

इस संदर्भ में वकील ने कहा, 'अदालत ने मामले को स्वीकार कर लिया है. ट्रामों के संबंध में राज्य सरकार की वर्तमान और भविष्य की योजनाओं और नीतियों के संबंध में निर्धारित समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को है.'

अचानक उन्होंने जनहित याचिका क्यों दायर की, इस पर सुलगना मुखर्जी ने जवाब दिया, 'मैं दक्षिण कोलकाता में रहती हूं इसलिए ट्राम सेवा बचपन से ही मेरे जीवन का अभिन्न अंग रही है. आजकल दुनिया के प्रमुख शहरों में ट्राम का चलन है. भले ही उस समय हमारे शहर में ट्रामों का नेटवर्क था, लेकिन अब यह बदहाली है.'

कोलकाता में 252 ट्राम :वर्तमान में कोलकाता में 252 ट्राम हैं, जिनमें से 8 सिंगल बोगी एसी ट्राम हैं और 8 सिंगल बोगी नॉन-एसी ट्राम हैं. बाकी 244 डबल बोगी नॉन-एसी वाहन हैं. फिलहाल टॉलीगंज-बल्लीगंज, गरियाहाट-एस्पलेनैड और श्यामबाजार-धर्मतला रूट पर ट्राम चल रही हैं. हालांकि परिवहन विभाग के मुताबिक शहर के विभिन्न डिपो में करीब 150 ट्राम बेकार पड़ी हैं. ट्राम चालकों की संख्या में भी तेजी से कमी आई है. चालकों की संख्या महज 65 फीसदी रह गई है, जो आने वाले समय में और घट सकती है.

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