श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और तीन पूर्व विधायकों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 24 घंटे के भीतर सरकारी आवास खाली करने को कहा गया है. अधिकारियों ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और कुछ पूर्व विधायकों को अनंतनाग जिले में खानबल हाउसिंग कॉलोनी में उनके कब्जे वाले सरकारी क्वार्टर को खाली करने के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा नोटिस दिया गया है. नेताओं को 2014 में क्वार्टर आवंटित किए गए थे.
मुफ्ती को पिछले महीने यहां शहर के उच्च सुरक्षा वाले गुपकर इलाके में उनके फेयरव्यू आवास को भी खाली करने का नोटिस दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग के उपायुक्त के आदेश पर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) द्वारा रविवार को दक्षिण कश्मीर जिले के खानबल में आवासीय कॉलोनी में स्थित सरकारी आवास के लिए मुफ्ती तथा अन्य को आदेश जारी किया गया. मुफ्ती के अलावा पूर्व विधायक मोहम्मद अल्ताफ वानी, अब्दुल रहीम राठेर, अब्दुल मजीद भट, अल्ताफ शाह और अब्दुल कबीर पठान, पूर्व पार्षद बशीर शाह और चौधरी निजामुद्दीन को नोटिस जारी किए गए. अधिकारियों ने बताया कि इन नोटिस में सरकारी क्वार्टर में रहने वाले नेताओं को 24 घंटे के भीतर परिसर खाली नहीं करने पर कानून के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गयी है.
दूसरी ओर महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर फिर से हमला बोला है. महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार चाहे यहां पर जितने भी सुरक्षाबल भेज दे, यहां की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा, जब तक कि कश्मीर मुद्दे का हाल नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने संविधान को ही ताक पर रख दिया है.
महबूबा मुफ्ती ने रविवार को युवाओं से जम्मू कश्मीर में आगामी निकाय एवं विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने की अपील करते हुए कहा कि यह अपने अधिकारों के वास्ते संघर्ष करने का उनका हथियार है और उन्हें भाजपा के लिए कोई जगह नहीं छोड़नी चाहिए. मुफ्ती ने पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, 'यह भाजपा का भारत नहीं है, लिख लीजिए, हम इसे भाजपा का भारत नहीं बनने देंगे.' जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र को 'पाकिस्तान के छापामारों की भांति बर्ताव नहीं करने की चेतावनी दी, जो 1947 में घाटी में आये थे, लेकिन कश्मीरियों ने उन्हें भागने के लिए मजबूर कर दिया था.'