नई दिल्ली :नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने सेना की जरूरत का सामान उपलब्ध कराने में देरी और असमर्थता को लेकर केंद्रीय आयुध डिपो (सीओडी) और आयुध डिपो (ओडी) के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. कैग ने इस संबंध में हाल ही में लोकसभा में अपनी रिपोर्ट दी है.
'ऑर्डनेंस सर्विसेज में इन्वेंटरी मैनेजमेंट' शीर्षक से दी गई रिपोर्ट में राष्ट्रीय लेखा परीक्षक ने कहा है ' लेखा परीक्षा विश्लेषण से पता चला है कि 2014-15 से 2018-19 की अवधि के दौरान चयनित सीओडी / ओडी स्टोर आपूर्ति करने में अक्षम रहे. इनकी अक्षमता का प्रतिशत 48.80 प्रतिशत से 77.05 प्रतिशत के बीच रहा.' हालांकि डिपो द्वारा रिपोर्ट की गई औसत अक्षमता प्रतिशत 11 से 35% के बीच थी, जबकि CAG के आंकड़ों के मुताबिक ये प्रतिशत कई गुना ज्यादा 48.80% से 77.05% के बीच थी.
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'इसलिए वास्तविक अक्षमता प्रतिशत डिपो द्वारा रिपोर्ट की गई अक्षमता प्रतिशत से काफी अधिक था.' मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, उपयोगकर्ता इकाइयों की सभी मांगों को मांगपत्र प्राप्त होने के 22 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए. जो सामान उपलब्ध नहीं होता है उसे डिपो में 'बकाया-आउट' के रूप में रखा जाता है. मार्च 2019 तक 22 दिन की समयावधि पूरी होने के बाद बकाया उपयोगकर्ताओं की संख्या 6,49,045 थी.