नई दिल्ली : कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष ज्ञापन देने के लिए बुधवार को संसद भवन से मार्च निकाला. हालांकि पुलिस ने उन्हें विजय चौक पर ही रोक लिया. पुलिस ने विजय चौक पर विपक्षी सांसदों को रोका और उन्हें वापस लौटने की चेतावनी दी. पुलिस ने मार्च कर रहे विपक्षी सांसदों को सूचित किया कि वे आगे मार्च न करें क्योंकि धारा 144 सीआरपीसी लागू है. यहां किसी भी आंदोलन की अनुमति नहीं है. सूत्रों ने बताया कि विरोध मार्च दोपहर करीब 12.30 पर संसद भवन से शुरू हुआ. जिसमें विभिन्न विपक्षी दलों के सांसद शामिल हैं. अडाणी मामले पर जेपीसी जांच की मांग पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हमने अडाणी मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की. हालांकि, सरकार जानती है कि अगर उन्होंने हमारी जेपीसी की मांग को मान लिया तो जनता के सामने उनकी धज्जियां उड़ जाएगी. भाजपा के सभी भ्रष्टाचार आम लोगों के सामने साबित हो जाएंगे."
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हम अडाणी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे हैं, लेकिन सरकार हमको विजय चौक के पास भी नहीं जाने दे रही. जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास के साथ बैंक में रखते हैं, वही पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकार की संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है. मोदी जी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं. जिस व्यक्ति ने 1650 करोड़ रुपये से अपना करियर की शुरुआत की और अब उसके पास 13 लाख करोड़ की संपत्ति है. तो हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो. प्रधानमंत्री और अडाणी का क्या रिश्ता है?" राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने आरोप लगाया कि यह तानाशाही सरकार है और यह विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ने अडाणी समूह के खिलाफ तीन पृष्ठों का ज्ञापन तैयार किया है जिसमें ‘शेल’ कंपनियों समेत कई आरोप लगाए गए हैं. इधर, हैदराबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी भवन से राजभवन तक रैली निकाली है. लेकिन पुलिस ने इस दौरान प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया.