देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए 2016 में बने नियमों का कितना पालन किया गया है. उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2016 में भी उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगी थी. जिसका हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
पूर्व में कोर्ट दिए थे ये आदेश
उत्तराखंड में सरकार ने एक हजार फायर वॉचर की नियुक्ति करने के निर्देश देने के साथ आग बुझाने के लिए आधुनिक संसाधन खरीदने के निर्देश दिए थे. साथ ही कोर्ट ने 72 घंटे से पहले जंगल में लगने वाली आग को बुझाने के निर्देश दिए थे.