नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने बुधवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्यों को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और निकटवर्ती क्षेत्रों में एकतरफा सैन्य प्रभुत्व का प्रयास नहीं करना चाहिए. डोभाल ने एससीओ सदस्य देशों की सुरक्षा परिषद के सचिवों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत निवेश और क्षेत्र में सम्पर्क (कनेक्टिविटी) के निर्माण में सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन यह स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस तरह की पहल परामर्शी, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण हों.
डोभाल ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण 'वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकरण और पारगमन क्षमताओं में सुधार के लिए' व्यापक और संतुलित आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एससीओ चार्टर के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के ढांचे के भीतर ईरान के चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. वर्तमान में, भारत एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है. एससीओ मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और क्षेत्रीय आतंकवाद, जातीय अलगाववाद और धार्मिक अतिवाद के खिलाफ लड़ाई पर केंद्रित है.
बैठक में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधियों ने वीडियो लिंक के जरिए हिस्सा लिया. डोभाल ने बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, '(एससीओ) चार्टर सदस्य देशों से संप्रभुता, देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और देशों की सीमाओं का उल्लंघन नहीं करने का आह्वान करता है. साथ ही यह सदस्यों से निकटवर्ती क्षेत्रों में एकतरफा सैन्य प्रभुत्व का प्रयास नहीं करने का भी आह्वान करता है.' उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों के घटनाक्रमों के कारण वैश्विक सुरक्षा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा, 'एससीओ क्षेत्र भी इन चुनौतियों के प्रभाव से प्रभावित है. हालांकि, मेरे विचार से एससीओ के चार्टर में निहित लक्ष्य और दृष्टि हमें आगे का रास्ता दिखा सकते हैं.'