मुंबई :महाराष्ट्र के महाअगाड़ी गठबंधन ने केंद्र सरकार के खिलाफ मुहिम में गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को शामिल करने की प्लानिंग की है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ चर्चा करने के लिए जल्द ही 11 मुख्यमंत्री बैठक करेंगे. इसके लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और सीएम उद्भव ठाकरे प्रयास कर रहे हैं. शरद पवार ने भी स्पष्ट किया है कि इस संबंध में बातचीत चल रही है.
संजय राउत ने कहा कि देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने महंगाई को बढ़ावा दिया है. सरकार समाज में धार्मिक मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही है. साथ ही देश में धार्मिक हमले और दंगे हो रहे हैं मगर प्रधानमंत्री इस बारे में बात नहीं कर रहे हैं. विपक्ष ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी भेजा है मगर वह बिल्कुल खामोश हैं. इसके अलावा यह सरकार क्षेत्रीय दलों को कुचलने की साजिश रच रही है.
मुख्यमंत्रियों को जुटाने के लिए शरद पवार कर रहे हैं विभिन्न दलों से बातचीत. संजय राउत ने कहा कि ऐसे हालात में भाजपा के विरोधी सभी दलों के 11 मुख्यमंत्रियों को एक साथ आना चाहिए और लड़ना चाहिए. यह बात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने कही. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही मुंबई में गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की जाएगी. राउत ने बताया कि इस मीटिंग की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्भव ठाकरे और शरद पवार करेंगे. इस बैठक में उद्धव ठाकरे मौजूद रहेंगे और वह इसकी पहल करेंगे. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी कुछ दिन पहले ठाकरे से मुलाकात की थी.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक विवेक भावसार का कहना है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर भले ही बीजेपी और शिवसेना में अब आमना-सामना हुआ है मगर ईडी की जांच के मुद्दे पर शिवसेना और अधिक आक्रामक हो गई है. अब उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री की बैठक बुलाएंगे. उनका कहना है कि नेशनल लेवल पर विपक्ष की अगुवाई करने के लिए लंबे राजनीतिक अनुभव और संबंधों की आवश्यकता होती है. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी जरूरी है, इसलिए एनसीपी नेता शरद पवार इस बैठक का नेतृत्व करेंगे और उद्भव ठाकरे पहल करेंगे. शरद पवार ने भी स्पष्ट किया है कि इस संबंध में बातचीत चल रही है. हालांकि यह अभी तक सामने नहीं आया है कि मीटिंग में केसीआर, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल जैसे दिग्गज नेताओं ने सहमति दी है या नहीं.
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