नई दिल्ली :केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि अन्य अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) नागरिकता कानून में किसी प्रकार के संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है.
वर्ष 2019 में लागू नागरिकता संशोधन कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख पंथों से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देना है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, 'ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.' केंद्रीय मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार सीएए के तहत अन्य अल्पसंख्यकों को शामिल करते हुए सीएए में किसी प्रकार के संशोधन पर विचार कर रही है.
राय ने यह भी कहा कि सीएए के तहत पात्र लाभार्थी, नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'पात्र व्यक्ति केंद्र सरकार द्वारा उपयुक्त नियम अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.'