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No Confidence Motion : 'जब पीएम मोदी जवाब देंगे, तो कांग्रेस की धज्जियां उड़ जाएंगी'

मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पहले दिन की चर्चा में जिन वक्ताओं ने भाग लिया, उनमें पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से एक दूसरे पर तीखे हमले किए गए. कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और मनीष तिवारी ने मोर्चा संभाला, तो भाजपा की ओर से निशिकांत दूबे ने जवाब दिया. बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को इससे कुछ हासिल नहीं होगा, उलटे मोदी जब जवाब देंगे, तो कांग्रेस की 'धज्जियां' उड़ जाएंगी.

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Published : Aug 8, 2023, 7:02 PM IST

no confidence motion in lok sabha
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि उन्हें जनता से जुड़े मुद्दों से सरोकार नहीं है और वे एक ऐसे प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं जो गरीब परिवार से आते हैं और जिन्होंने गरीब जनता को मकान, शौचालय और पीने का पानी उपलब्ध कराया है तथा उनके कल्याण की चिंता की है.

क्या कहा भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने- लोकसभा में कांग्रेस के गौरव गोगोई द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, 'आज यह अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. यह प्रस्ताव उस व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ है, जिसने गरीबों को मकान बनाकर दिये, जिसने गरीब जनता को पीने का पानी दिया, शौचालय दिये, जिसने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की.'

दुबे ने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध इस बात पर है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में गरीब के घर में चूल्हा क्यों जल रहा है, विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं. उन्होंने कहा कि महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था और भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, धृतराष्ट्र आदि सब मौन धारण किये हुए थे. दुबे ने कहा, 'इसी तरह आज जब आप (विपक्ष) प्रधानमंत्री का, गरीबों और किसानों के एक हितैषी का चीरहरण करेंगे तो जिस तरह उस समय भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, धृतराष्ट्र में से कोई नहीं बचा, उसी तरह 2024 में आपमें से कोई नहीं बचेगा. हम 400 सीट के साथ सत्ता में वापस आएंगे.'

लोकसभा टीवी पर टिकर चलाने को लेकर आपत्ति - भाजपा सांसद ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में विपक्षी सदस्यों की भूमिका की तुलना महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण से की. इससे पहले कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई का भाषण समाप्त होने के बाद जब दुबे ने सत्तापक्ष की ओर से बोलना शुरू किया तो संसद टीवी पर सरकार के विकास कार्यों के टिकर चलने को लेकर कांग्रेस और विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया. सदन में 10 मिनट से अधिक समय तक कार्यवाही बाधित रही. लोकसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा, 'छोटी बातों पर गंभीर टिप्पणी करना उचित नहीं है.' इसके बाद कार्यवाही आगे बढ़ी.

दुबे ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य मणिपुर की बात कर रहे थे, लेकिन विपक्षी पार्टी को शहादत के बारे में कुछ नहीं पता. उन्होंने कहा, 'मैं मणिपुर के इतिहास का भुक्तभोगी हूं. मेरे मामा जब वहां सीआरपीएफ के डीआईजी थे, तो उन पर हमला हुआ था और उन्हें अपने पैर गंवाने पड़े.' भाजपा सांसद ने कहा कि कल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाली पर विपक्षी पार्टी के सदस्य इतनी खुशी मना रहे थे, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अभी केवल स्थगन आदेश दिया है, फैसला नहीं सुनाया.

सोनिया गांधी पर तंज - कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए दुबे ने कहा कि वह एक भारतीय महिला की भूमिका निभा रही हैं और उनके लिए इस अविश्वास प्रस्ताव का एकमात्र मूलमंत्र है, 'बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना.' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं वह सावरकर नहीं हैं जो माफी मांगे. दुबे ने कहा कि वह सावरकर हो भी नहीं सकते, जिन्होंने 28 साल तक जेल में बिताए थे. इस दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी सदन में थे. दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसद अपने गठबंधन इंडिया की बात करते हैं लेकिन इनमें से कुछ को ही इसका विस्तृत नाम पता होगा.

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में सारे दल एक दूसरे से लड़ रहे हैं, लेकिन नाम इंडिया रखा है. दुबे ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने आजादी के बाद से देश का जितना नाम नहीं लिया होगा, उतनी बार इंडिया इंडिया के नारे लगा दिये. दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं है, बल्कि विपक्ष में विश्वास का प्रस्ताव है जिससे यह पता चल जाए कि विपक्ष में कौन किसके साथ है. उन्होंने कहा कि एक दूसरे से लड़ने वाले दल आज प्रधानमंत्री के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं. दुबे ने कहा कि 1976 में भ्रष्टाचार के आरोप में कांग्रेस ने द्रमुक नेता करुणानिधि की सरकार को बर्खास्त किया था और 1980 में द्रमुक ने तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार से हाथ मिला लिया.

उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जांच करने वाले जैन आयोग ने कहा था कि लिट्टे को करुणानिधि की पार्टी सहयोग देती थी, फिर भी कांग्रेस उसके साथ है. उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में द्रमुक नेता कनिमोई और ए राजा को कांग्रेस की सरकार के समय जेल में डाला गया था. उन्होंने कहा कि जिस सिंगूर आंदोलन के आधार पर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सरकार बनाई थी उसमें भाजपा ने साथ दिया था और इस तरह बंगाल में तृणमूल की सरकार बनाने में भाजपा का योगदान है. दुबे ने कहा, 'लेकिन तृणमूल कांग्रेस नारद और सारदा के मामले दर्ज कराने वाली कांग्रेस के साथ है.' भाजपा सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद को 1995 में तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के समय जेल में डाला गया था, तो भाजपा से उनका विरोध क्यों है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 में आय से अधिक संपत्ति का मामला कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने दर्ज कराया था. दुबे ने कहा, 'लेकिन हम मानते थे कि सपा संस्थापक ईमानदार हैं और उनके खिलाफ सीबीआई के मामले भाजपा के समय वापस लिये गये. तब भी यह पार्टी हमारे विरोध में है.' उन्होंने कहा, '1980 में शरद पवार की चुनी हुई महाराष्ट्र सरकार को हमने नहीं, कांग्रेस ने बर्खास्त किया था क्योंकि पवार ने अलग पार्टी बना ली थी। पवार पर आरोप हमने नहीं लगाये.' दुबे ने कहा, 'हमने क्या किया? हमसे किस बात की लड़ाई ?'

उन्होंने कहा कि 1953 से 1975 तक शेख अब्दुल्ला को कांग्रेस ने जेल में बंद रखा और बाद में दोनों ने समझौता कर लिया, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस का विरोध भाजपा से है. उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) पर भी निशाना साधा. दुबे ने नेशनल हेराल्ड मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि आयकर बचाने के लिए कांग्रेस के नेता उच्चतम न्यायालय में चले जाते हैं. दुबे ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और मुस्लिम लीग जैसे दलों के साथ भाजपा ने वैचारिक विरोध के कारण आज तक कभी समझौता नहीं किया.

क्या कहा विपक्ष ने - विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की समस्याओं से निपटने में डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही है और यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मौनव्रत तोड़ने के लिए लाया गया है. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि 'जब मणिपुर जल रहा था, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस राज्य का दौरा करने के बजाय विदेश यात्रा पर थे.'

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई का हमला - कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखते हुए यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री को पद पर क्यों बनाए रखा ? उन्होंने दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते. कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मैं इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए इंडिया गठबंधन के दलों को आभार प्रकट करता हूं.'

उनका कहना था, 'यह हमारी मजबूरी है कि हमें यह अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है. यह संख्या को लेकर नहीं है, बल्कि मणिपुर के इंसाफ के लिए है.' गोगोई ने कहा, 'यह अविश्वास प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लाए हैं. आज मणिपुर इंसाफ मांगता है, मणिपुर के युवा, महिलाएं इंसाफ मागते हैं.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमारी मांग थी कि देश के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री सदन में बयान दें और यहां से सदेश दिया जाए कि दुख की घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं.' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने मौन व्रत लिया. इसलिए हम इस अविश्वास प्रस्ताव को लाए क्योंकि हम प्रधानमंत्री का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं.' उन्होंने कहा, 'आज आप (भाजपा) जितनी भी नफरत फैलाएं, हम राहुल गांधी के नेतृत्व में जगह-जगह मोहब्बत की दुकान खोलेंगे.'

चर्चा में हिस्सा लेते हुएतृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि आज उन्हें प्रधानमंत्री के बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कहना, उनकी शिक्षा के बारे में नहीं कहना, बीबीसी वृतचित्र के बारे में कुछ नहीं कहना और न ही गुजरात दंगों के बारे में कुछ कहना है. उन्होंने कहा कि लेकिन आज वह कहना चाहते हैं कि केंद्र की वर्तमान सरकार वादे पूरे करने में विफल रहने वाली और 'विनाशकारी नीतियों' वाली सरकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान सरकार संघीय ढांचे को नष्ट कर रही है और इसका नुकसान पश्चिम बंगाल झेल रहा है. सौगत राय ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल का मनरेगा कोष रोक लिया गया है, वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना की निधि जारी नहीं की गई है. उन्होंने मणिपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार हृदयविहीन सरकार है और उसने मणिपुर के लोगों की सुध तक नहीं ली. तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मई से जुलाई तक प्रधानमंत्री ने सात देशों की यात्रा की जिनमें आस्ट्रेलिया, अमेरिका, मिस्र, पापुआ न्यगिनी जैसे देश शामिल हैं. लेकिन वे मणिपुर नहीं गए.'

बीजद के नेता पिनाकी मिश्राने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी की स्थापना कांग्रेस के विरोध की बुनियाद पर हुई थी और वह कभी कांग्रेस के प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि बीजद को लगता है कि यह अविश्वास प्रस्ताव लाने का सही समय नहीं है. मिश्रा ने कहा, 'यह प्रस्ताव केवल प्रधानमंत्री को सदन में लाने के लिए लाया गया है. कांग्रेस जानती है कि हर बार प्रधानमंत्री जब सदन में बोलते हैं तो कांग्रेस को पूरी तरह धराशायी कर देते हैं. सब जानते हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री एक बेमिसाल वक्ता हैं. देश में इस समय उनके स्तर का वक्ता नहीं है. वह बृहस्पतिवार को इस चर्चा के जवाब में भी ऐसा ही करेंगे.' बीजद सांसद ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि ये लोग (कांग्रेस) प्रधानमंत्री को सदन में बुलाकर आफत मोल क्यों लेते हैं. यह कांग्रेस की सामान्य समझ, राजनीतिक समझ को दर्शाता है.' मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को इस प्रस्ताव को लाने का कोई फायदा नहीं होगा और यह मत विभाजन में गिर जाएगा.

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(पीटीआई-भाषा)

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