नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को गजवा-ए-हिंद मामले में अपनी जांच में महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में सात स्थानों पर तलाशी ली. गजवा-ए-हिंद हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर सक्रिय प्रभावशाली युवाओं का कट्टरपंथी समूह है. एनआईए नेमहाराष्ट्र के नागपुर और गुजरात में तीन-तीन और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक जगह पर छापेमारी की है.
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जिन स्थानों की तलाशी ली गई, उनमें आवासीय परिसर और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संदिग्ध लोगों के ठिकाने और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रभावित युवाओं के घर थे. एनआईए ने शुरू में बिहार के फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन में पिछले साल 22 जुलाई को गजवा-ए-हिंद मामला दर्ज किया था. एनआईए ने कहा कि फुलवारीशरीफ जांच में यह पता चला है कि आरोपी मरगुब अहमद दानिश ने 'गज़वा-ए-हिंद' के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था.
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जिसके माध्यम से वह कई विदेशी संस्थाओं के संपर्क में था. जो उसे आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए कट्टरपंथी साहित्य और सामग्री भेजते थे. एनआईए ने पहले कहा था कि इस व्हाट्सएप ग्रुप पर हिंसा के माध्यम से भारत की सरकार को हटाने और इस पर कब्जा हासिल करने की बातें होती थी. एनआईए ने कहा था कि इस समूह का उद्देश्य पूरे भारत में हिंसा फैलाना और कानून व्यवस्था को ध्वस्त करना है. एनआईए के सूत्रों ने बताया कि इस साल 6 जनवरी को एनआईए ने मामले में बिहार में एनआईए की विशेष अदालत में एक आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.
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(एएनआई)