नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वर्तमान में 'गजवा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल की जांच के तहत तीन राज्यों में चार स्थानों पर छापेमारी कर रही है, इसका भंडाफोड़ पिछले साल बिहार में हुआ था. गजवा प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित था. इस मामले में हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना शामिल है.
एक अधिकारी ने कहा कि कुल पांच स्थानों पर - एक दरभंगा में और दो पटना (सभी बिहार), एक सूरत (गुजरात) और एक बरेली (उत्तर प्रदेश) में छापेमारी की गई. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड), सिम कार्ड और दस्तावेज सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है.
अधिकारी ने कहा, "यह मामला बिहार पुलिस द्वारा फुलवारी शरीफ के मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया, जिसने 14 जुलाई, 2022 को मामला दर्ज किया था. एनआईए ने 22 जुलाई, 2022 को मामले को अपने हाथ में ले लिया. मरगूब के खिलाफ 6 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया गया था.“
अधिकारी ने कहा कि आरोपी को उस मॉड्यूल का सदस्य पाया गया, जो पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में गजवा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था.