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कोरोना काल में बुजुर्गों ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों को अधिक महत्वपूर्ण माना: सर्वेक्षण

देश की राजधानी में हुए एक सर्वे के दौरान पता चला है कि कोरोना काल में बुजुर्गों ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों को अधिक महत्वपूर्ण माना है और साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें सामाजिक मुद्दे ज्यादा अहम लगे.

विड-19 महामारी के दौरान  बुजुर्गों ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों को अधिक महत्वपूर्ण माना: सर्वेक्षण
विड-19 महामारी के दौरान बुजुर्गों ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों को अधिक महत्वपूर्ण माना: सर्वेक्षण

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Published : Aug 5, 2021, 9:46 PM IST

नई दिल्ली :दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हुए एक सर्वेक्षण में लगभग 29 प्रतिशत बुजुर्ग लोगों ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण थे, जबकि उनमें से 24.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक और सामाजिक अवस्था अधिक महत्वपूर्ण थी.

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एजवेल फाउंडेशन’ ने बताया कि उसने दिल्ली-एनसीआर में बुजुर्गों के बीच एक सर्वेक्षण कराया गया. जिसका लक्ष्य उनकी वर्तमान दशा की समीक्षा करना और कोविड-19 का उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करना था.

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संगठन ने कहा कि इस सर्वेक्षण में एजवेल के स्वयंसेवकों ने जुलाई में 1,500 बुजुर्गों से बातचीत की. उनमें से 28.9 प्रतिशत लोगों ने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को सबसे महत्वपूर्ण बताया जबकि 24.2 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें मनोवैज्ञानिक और सामाजिक मुद्दे ज्यादा अहम लगे है.इसके साथ ही 21.7 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान वित्तीय समस्याएं अधिक महत्वपूर्ण थीं.

सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 42 प्रतिशत से ज्यादा बुजुर्गों ने अकेलेपन को प्रमुक मनोवैज्ञानिक मुद्दा माना.

(पीटीआई-भाषा)

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