दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जानिए कैसे नई कनकंबरा की खेती लाई किसानों के जीवन में खुशबू

बेंगलुरु स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) ने कनकंबरा फूल की पांच ऐसी प्रजातियां विकसित की हैं जो एक एकड़ भूमि में 10 से 15 किलोग्राम फूल प्रति सप्ताह उगाया जाता है.

कनकंबरा की खेती
कनकंबरा की खेती

By

Published : Feb 12, 2021, 6:15 PM IST

Updated : Feb 12, 2021, 7:58 PM IST

बेंगलुरु : भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ने 10 साल के शोध के रूप में पांच तरह के कनकंबरा फूल की खेती के परिणाम जारी किए हैं (क्रॉसेंड्रा इन्फंडिबुलिफॉर्मिस या फायरक्रैकर फूल) दूसरी खेती की तुलना में 10 गुना अधिक पैदावार देने वाली इन फूलों की प्रजातियों ने किसान की किस्मत का दरवाजा खोल दिया है. कनकंबरा दक्षिण भारत में 8000 हेक्टेयर में उगाया जाता है. बता दें एक एकड़ भूमि में 10 से 15 किलोग्राम फूल प्रति सप्ताह उगाया जाता है.

कनकंबरा की खेती

कनकंबरा फूल के 5 नई प्रजातियां

अरका अम्बरा

अर्का श्रीया

अर्का श्राव्य

अर्का कनका

अर्का चेन्ना

सामान्य कनकंबरा से 10 गुना अधिक पैदावार देते हैं और आकार में बड़े होते हैं .4,000 से 6,000 पौधे प्रति एकड़ उगाए जा सकते हैं और यह प्रति सप्ताह 21 किलो फूल का उत्पादन होता है.

बारिश होने से ये पौधे मरते नहीं है क्योंकि इसमें मजबूत प्रतिरक्षा होती है. यदि आप 3 एकड़ में 2 हजार पौधे लगाते हैं तो 3 महीने में फूल खिलने लगते हैं.ज्यादातर फूल 8 वें महीने तक बाजार में बीकने के लिए आ जाते हैं.गौरी गणेश उत्सव और वराहलक्ष्मी उत्सव के दौरान फूल की कीमत 1500 रुपये से 1600 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाती है. छोटे और बहुत छोटे किसान केवल आधा एकड़ में बढ़ सकते हैं और 40 हजार कमा सकते हैं.

पढ़ें : भारत में जरबेरा फूल की नई प्रजातियां विकसित, छोटे किसान भी कर सकेंगे खेती

आईआईएचआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सी. अश्वत ने कहा कि कनकंबरा दक्षिण भारत में 8000 हेक्टेयर में कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र राज्यों में उगाया जाता है. मूल रूप से स्थानीय नारंगी प्रजातियां उगाई जाती हैं और यह फूल बहुत छोटा है. एक एकड़ भूमि में केवल 10 से 15 किलोग्राम फूल प्रति सप्ताह उगाया जाता है.

Last Updated : Feb 12, 2021, 7:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details