दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

देउबा ने मोदी से सीमा विवाद सुलझाने के लिए तंत्र बनाने का किया आग्रह

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीमा मुद्दे को हल करने के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया हैं. वहीं, भारत ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सामान्य समझ है कि इसे एक जिम्मेदार तरीके से हल करना है और इसके 'राजनीतिकरण' से बचा जाना चाहिए.

Nepal PM urges Narendra Modi to resolve border dispute
शेर बहादुर देउबा

By

Published : Apr 3, 2022, 9:36 AM IST

नई दिल्ली :भारत तथा नेपाल ने संबंधों को और व्यापक बनाने के लिए शनिवार को सीमा पार रेल सेवा एवं कई अन्य विकास पहलों की शुरुआत की तथा नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीमा संबंधी मुद्दे को हल करने के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र स्थापित करने की अपील की. मोदी और देउबा ने अपनी व्यापक बातचीत के बाद बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक 35 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया और 90 किलोमीटर लंबी बिजली पारेषण लाइन शुरू की तथा नेपाल में ‘रुपे’ भुगतान कार्ड की शुरुआत की.

दोनों पक्षों ने 2020 में सीमा विवाद बढ़ने के बाद रिश्तों में आए गंभीर तनाव के पश्चात संबंधों को फिर पटरी पर लाने का संकेत देते हुए, बिजली क्षेत्र में सहयोग के लिए एक दृष्टि दस्तावेज पेश किया और स्वच्छ एवं रेलवे जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. देउबा जुलाई 2021 में पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के तहत शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे.

पीएम मोदी और पीएम देउबा की वार्ता

मोदी ने मीडिया को दिए अपने बयान में यह सुनिश्चित करने पर चर्चा का उल्लेख किया कि भारत और नेपाल के बीच खुली सीमाओं का अवांछित तत्वों द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जाए. उन्होंने कहा, 'हमने चर्चा की कि भारत और नेपाल के बीच खुली सीमाओं का अवांछित तत्वों द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जाए. हमने अपने रक्षा और सुरक्षा प्राधिकारियों के बीच सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया. मुझे विश्वास है कि आज की हमारी वार्ता भारत-नेपाल संबंधों के बारे में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य में सक्षम होगी.'

देउबा ने मोदी की मौजूदगी में मीडिया को दिए बयान में कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय तंत्र की स्थापना के माध्यम से इसे हल करने का आग्रह किया. कुछ घंटे बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सामान्य समझ यह थी कि मुद्दे का समाधान बातचीत के माध्यम से जिम्मेदार तरीके से करने की जरूरत है और इसके 'राजनीतिकरण' से बचना चाहिए. श्रृंगला ने कहा, 'इस मुद्दे पर संक्षेप में चर्चा हुई. एक सामान्य समझ थी कि दोनों पक्षों को हमारे करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंधों की भावना में चर्चा और बातचीत के माध्यम से इसका जिम्मेदार तरीके से समाधान करने की जरूरत है और ऐसे मुद्दों के राजनीतिकरण से बचना चाहिए.'

सीमा मुद्दे के राजनीतिकरण से बचने की आवश्यकता पर श्रृंगला की टिप्पणी महत्व रखती है क्योंकि 2020 में नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने बढ़ते घरेलू दबाव और उनके नेतृत्व को उत्पन्न चुनौती से मुकाबले के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करने का प्रयास किया था. नेपाल द्वारा 2020 में एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित किए जाने के बाद भारत और नेपाल के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था, जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों - लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख - को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था.

पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल की शांति, प्रगति और विकास की यात्रा में भारत एक मजबूत भागीदार रहा है और हमेशा रहेगा. मोदी ने मीडिया को जारी बयान में कहा, 'भारत और नेपाल की दोस्ती, हमारे लोगों के रिश्ते, एक ऐसा उदाहरण है, जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलता. हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति, हमारे आदान-प्रदान के धागे प्राचीन काल से जुड़े हुए हैं.'

जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, उनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनओसी) को पांच साल के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करने संबंधी नवीनीकरण शामिल है. इस संबंध में पहले किए गए समझौते की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई थी. इसके अलावा, आईओसीएल और एनओसी द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों संबंधी क्षेत्रों के साथ-साथ इस उद्देश्य के लिए आवश्यक सुविधाओं के संचालन और रखरखाव के लिए तकनीकी विशेषज्ञता साझा करने के एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

यह भी पढ़ें-भारत-नेपाल के बीच दौड़ी 'मैत्री ट्रेन', पीएम मोदी और नेपाली पीएम देउबा ने दिखाई हरी झंडी

दोनों पक्षों ने रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. भारत समर्थित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में नेपाल के शामिल होने को लेकर एक अलग दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह और देउबा व्यापार और सीमा पार संपर्क संबंधी पहलों को हर तरह से प्राथमिकता देने पर भी सहमत हुए और यह कि बिजली निगम पर संयुक्त दृष्टि बयान भविष्य के सहयोग के लिए एक खाका साबित होगा. मोदी ने कहा, हम नेपाल की जलविद्युत विकास योजनाओं में भारतीय कंपनियों की अधिक भागीदारी के विषय पर भी सहमत हुए. यह खुशी की बात है कि नेपाल अपनी अतिरिक्त बिजली भारत को निर्यात कर रहा है.

उन्होंने कहा कि नेपाल में रुपे कार्ड की शुरुआत से द्विपक्षीय वित्तीय संपर्क में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि नेपाल पुलिस अकादमी, नेपालगंज में एकीकृत जांच चौकी और रामायण सर्किट जैसी अन्य परियोजनाओं को जोड़ने से भी दोनों देश करीब आएंगे. मोदी ने कहा, 'हमने पंचेश्वर परियोजना में तेज गति से प्रगति के महत्व पर जोर दिया। यह परियोजना क्षेत्र के विकास के लिए बड़ा बदलाव लाएगी.'

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details