बहराइच (उत्तर प्रदेश):केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की नेपाल सीमा (India Nepal Border) से सटे जंगलों में सशस्त्र सीमा बल (Armed Border Force) की सभी सीमा चौकियों को जोड़ते हुए नो मेंस लैंड के समानांतर सड़कें बनाई (Road Construction) जाएंगी.
योजना में आवागमन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जंगल से दूर वन क्षेत्र में 10 मीटर ऊंचे एलिवेटेड फ्लाईओवर (Elevated Flyover) एवं जंगल से सटे गांव की जमीनें अधिग्रहित कर सड़क निर्माण होगा. नेपाल के सीमावर्ती कतर्निया घाट वन्यजीव विहार (Wildlife Sanctuary) के प्रभागीय वनाधिकारी आकाश दीप बधावन ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश में भारत-नेपाल सीमावर्ती नो मेंस लैंड के समानांतर वन क्षेत्रों में सड़कें बनाने के निर्देश दिए हैं. देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनने वाली ये सड़कें नेपाल सीमावर्ती एसएसबी की सभी सीमा चौकियों से होकर गुजरेंगी.
यूपी के 5 जिलों से जुड़ी है नेपाल की 551 किमी सीमा
बधावन ने बताया कि यूपी के बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों से जुड़ी करीब 551 किलोमीटर लंबी नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिए नो मेंस लैंड के निकट सशस्त्र सीमा बल की सीमा चौकियां हैं. कतर्निया घाट जंगल में एसएसबी की 16 बीओपी हैं.
पढ़ें:नेपाल सीमा पर बहराइच का थारू बहुल बलईगांव बनेगा पर्यटन स्थल
डीएफओ ने बताया कि कतर्निया घाट प्रभात के वन क्षेत्र की 45 हेक्टेयर और बलरामपुर के सोहेलवा जंगल की 138 हेक्टेयर सहित प्रदेश के जंगलों व आसपास की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन सड़क निर्माण के लिए ली जाएंगी. उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में सड़कें बनेंगी. उनमें कतर्निया घाट वन्यजीव विहार और नेपाल के रायल बर्दिया नेशनल पार्क को जोड़ने वाला खाता कॉरिडोर शामिल है.