मुंबई/नई दिल्ली : हनुमान चालीसा विवाद मामले में बम्बई उच्च न्यायालय ने सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार किया. यह फैसला दंपती के लिए झटका माना जा रहा है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिनके पास पावर होता है, उनकी जिम्मेदारी अधिक बनती है. दूसरी ओर पूरे मामले पर लोकसभा सचिवालय ने भी रिपोर्ट मांगा है. सांसद राणा ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी. नवनीत ने गलत तरीके से गिरफ्तारी का आरोप लगाया है.
उच्च न्यायालय ने हनुमान चालीसा विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा द्वारा दायर उस रिट याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. दंपती ने आज सुबह उच्च न्यायालय का रूख कर, शहर में खार पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. खार पुलिस ने यह प्राथिमिकी, एक पुलिस अधिकारी को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. हालांकि, न्यायमूर्ति पी. बी. वराले और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है.