पटना: महागठबंधन से अलग होने के बाद हिंदुस्तानी अवाम मोर्चाका अगला कदम क्या होगा? क्या वह 'एकला चलो रे' की राह पर आगे बढ़ेगा या बीजेपी के साथ गठजोड़ करेगा, इस पर आज निर्णय हो सकता है. पटना में संतोष कुमार सुमन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तमाम संभावित समीकरणों को लेकर मंथन चल रहा है. हम संरक्षक जीतनराम मांझी के आवास पर बैठक हो रही है. वहीं इस बैठक के बाद मांझी आज शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
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"जब हम पार्टी और संगठन चलाते हैं तो ये जरूरी है कि पिछले कुछ दिनों में जो घटनाक्रम हुए हैं, उसमें अपने वरिष्ठ पदाधिकारी से मिलकर राय-मशविरा लें. बीजेपी के साथ जाने में परहेज नहीं है. जब नीतीश कुमार के साथ जा सकते हैं तो भाजपा के साथ क्यों नहीं जा सकते हैं. वैसे अभी तक बीजेपी से कोई बात नहीं हुई है. आज डिसीजन लेंगे कि क्या करना है"- राजेश पांडे, प्रधान महासचिव, हम पार्टी
दिल्ली में अमित शाह से मिलेंगे मांझी:जीतनराम मांझी सोमवार की शाम दिल्ली निकल जाएंगे. जहां उनकी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात होगी. माना जा रहा है कि इस दौरान लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत होगी और सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी. इसके साथ मांझी नई दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिल सकते हैं.
इस फॉर्मूले पर हो सकती है डील?:बीजेपी के साथ मांझी की डील को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि दो लोकसभा सीट और एक विधान परिषद की सीट पर दोनों के बीच बात बन सकती है. वहीं एक चर्चा यह भी है कि एक लोकसभा सीट और मांझी को राज्यपाल बनाया जा सकता है. हालांकि अभी तक कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा गया है लेकिन मांझी ने महागठबंधन में रहते हुए 5 सीटों पर दावा ठोका था.
शाह से मुलाकात के बाद से कयास हुए थे तेज:पिछली बार जब जीतनराम मांझी ने महागठबंधन में रहते हुए दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी, तभी से इस बात के कयास लगने लगे थे कि मांझी एनडीए में जाने की जुगत में हैं. हालांकि तब उन्होंने ऐसी किसी संभावना को खारिज करते हुए कहा था कि वह तो पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को 'भारत रत्न' देने की मांग को लेकर मिलने गए थे लेकिन उसके बाद से जो सियासी घटनाक्रम बदले हैं, उससे साफ लग रहा है कि तब से ही सियासी खिचड़ी पकनी शुरू हो गई थी.
नीतीश से क्यों अलग हुए मांझी: पिछले दिनों जब नीतीश कैबिनेट में हम कोटे से मंत्री रहे संतोष कुमार सुमन ने इस्तीफा दिया था, तब उन्होंने कहा था कि जेडीयू की ओर से उन पर पार्टी को विलय करने का दवाब था. वहीं बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी पर बीजेपी का 'भेदिया' होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मांझी विपक्षी दलों की रणनीति बीजेपी नेताओं से साझा करते थे. इसलिए उनको साथ रखना संभव नहीं था.