ज्योतिरादित्य सिंधिया से बदला लेने को तैयार है कांग्रेस, इस प्लान से फतह करेंगे ग्वालियर चंबल अंचल!
एमपी कांग्रेस अब ज्योतिरादित्य सिंधिया से बदला लेने को तैयार है, इसके लिए प्लान भी तैयार कर लिया गया है. माना जा रहा इसी प्लान के जरिए कांग्रेस ग्वालियर चंबल अंचल का किला फतह करेगी. फिलहाल आइए जानते हैं आखिर कांग्रेस का ये प्लान है क्या-
ज्योतिरादित्य सिंधिया से बदला लेने को तैयार है कांग्रेस
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Published : Jul 9, 2023, 8:39 AM IST
ज्योतिरादित्य सिंधिया से बदला लेने को तैयार है कांग्रेस
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय राजनीति का केंद्र बिंदु ग्वालियर अंचल बन गया है, यहां बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस सबसे ज्यादा एक्टिव है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कमलनाथ की सरकार को गिराने वाले सिंधिया और उनके समर्थकों के लिए विशेष रणनीति तैयार की जा रही है, यही कारण है कि कांग्रेस के तमाम ऐसे बड़े दिग्गज नेता यहां पर डेरा डाले हुए हैं और उनका अबकी बार मिशन भी यही है कि गद्दारों को सबक सिखाया जाएगा.
कांग्रेस लेगी सिंधिया से बदला: दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर ग्वालियर चंबल अंचल में सभी राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से रणनीति तैयार कर रहे हैं, यहां पर बीजेपी की तरफ से खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमान संभाल रखी है और वह लगातार अंचल में दौरे कर रहे हैं. इसके साथ ही यहां पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सक्रिय नजर आ रहे हैं. बीजेपी के साथ यहां पर अब कांग्रेस भी पीछे नहीं है, कांग्रेस की तरफ से भी यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार सक्रिय है. इसके अलावा मध्य प्रदेश और दिल्ली से कई बड़े नेता यहां पर डेरा डाले हुए हैं.
सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस अबकी बार सबसे ज्यादा अंचल के कद्दावर नेता कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट कर रहे हैं. कांग्रेस के द्वारा सिंधिया के लिए विशेष रणनीति तैयार की जा रही है और सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस उस 2018 के चुनाव का भी बदला सिंधिया और उनके समर्थकों से बदला लेना चाहती है, जिसमें सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को गिरा कर बीजेपी का दामन थामा था. इसी को लेकर कांग्रेस का इस ग्वालियर चंबल अंचल में सिर्फ सिंधिया और उनके समर्थक टारगेट पर हैं.
सिंधिया को घेरने के लिए कांग्रेस का प्लान तैयार:आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने के लिए उन पुराने भाषणों का रिकॉर्ड जुटा रही है, जहां सिंधिया ने कांग्रेस में रहते हुए पीएम मोदी और शिवराज सरकार को जमकर कोसा था और उनके खिलाफ बयानबाजी की थी. असल में कांग्रेस का प्लान ये है कि सोशल मीडिया पर सिंधिया के उस समय के भाषण डाले जाएं, जब सिंधिंया कांग्रेस में थे और मोदी या भाजपा सरकार की बुराई करते थे, इससे सिंधिया की हकीकत जनता तक पहुंच सकेगी.कांग्रेस का कहना है कि "आजकल सिंधिया जिनके साथ रह रहे हैं, दो साल पहले उन्हीं के खिलाफ आग उगलते थे और आज कुर्सी की खातिर उन्हीं से हाथ मिला लिया. अब उनकी तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं."
सिंधिया को कुर्सी जरूरी:इसको लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि "सिंधिया जी को याद दिलाना चाहते हैं कि जब वह कांग्रेस में थे तो मोदी जी और सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते थे, आज वही सिंधिया जी गिरगिट की तरह रंग बदल कर बीजेपी को सबसे अच्छी पार्टी बता रहे हैं. सिंधिया जी को अपनी गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि वह कितने सच्ची जनसेवक है. कांग्रेस पार्टी अब उन बयानों को जनता के बीच ले जाएगी, जिस दौरान सिंधिया कांग्रेस में रहते बीजेपी के नेताओं को कोसते रहते थे. कांग्रेस जनता को बताएगी कि ये वही सिंधिया जी है जो गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं और उनके लिए प्रदेश की जनता महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि कुर्सी महत्वपूर्ण है."
कांग्रेस ने कराई जवान दूल्हा दिखाकर बूढ़े से शादी:वहीं कांग्रेस के इस बयान को लेकर बीजेपी के प्रदेश मंत्री लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि "ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस की बचे हुए नेता भी जानते हैं कि सिंधिया जी की ताकत क्या है, इसलिए वह सिंधिया जी को ही टारगेट करेंगे. क्योंकि पिछले चुनाव में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तो ग्वालियर चंबल अंचल के लोगों ने सिंधिया जी को ही देखकर वोट दिए थे, लेकिन कांग्रेस ने इस अंचल को धोखा देकर जवान दूल्हे को दिखाकर बूढ़े दूल्हे से शादी करा दी. इसलिए कांग्रेस को भी पता है सिंधिया जी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता है, भारतीय जनता पार्टी को भी ग्वालियर चंबल संभाग में बंपर वोट मिलेगा, यही कारण है कि कांग्रेस उन्हें बदनाम करके प्रदेश की जनता को गुमराह करना चाहती है और यह हो नहीं सकता."
इस रणनीति से नुकसान या फायदा:लिहाजा किसको किसको इस रणनीति से नुकसान होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी और कांग्रेस के द्वारा एक दूसरे के लिए रणनीति बनाई जा रही है. दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेता यहां पर डेरा डाले हुए हैं और पूरी ताकत में यहां की जनता के लिए बड़े बड़े वादे करके प्रदेश में अपनी-अपनी सरकार बनाने का रास्ता खोजने में जुटे हैं.