भोपाल। सुंदरकांड वह भी भरतनाट्यम के साथ, हां आपको सुनकर थोड़ा सा अलग लगेगा, लेकिन 20 कलाकारों ने मंच पर जब इसे प्रस्तुत किया तो ऐसा लगा की माता सीता और हनुमान सजीव रूप में सामने मंच पर मौजूद हैं. यह नजारा देखने को मिला मध्यप्रदेश के भोपाल में शहीद भवन में हुए भरतनाट्यम में, जिसमें कलाकारों ने पहली बार सुंदरकांड को भरतनाट्यम नृत्य में पिरो कर पेश किया. यहां पर कलाकारों ने रामचरितमानस के पांचवें सोपान सुंदर कांड की ऐसी मनमोहक प्रस्तुति दी कि देखने वाले मंत्रमुग्ध हो गए.
लय, संगीत और भाव का जादू:इस नृत्य नाटिका को इतने बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया गया था कि हर एक चौपाई के साथ कलाकारों के की भाव भंगिमाए, अर्थात एक्सप्रेशन हुबहू वैसे ही नजर आ रहे थे. तुलसीदास जी के सुंदरकांड में जिस तरह से चौपाइयां पढ़ी जाती हैं उसी लय का समावेश भी किया गया था और उन्हें हूबहू वैसे ही पढ़ा गया, लेकिन बीच-बीच में भरतनाट्यम की प्रस्तुति इस पूरी नृत्य नाटिका को सजीव रूप दे गई. माता सीता और हनुमान जी के प्रसंग इस तरह से लग रहे थे कि मानो साक्षात देवता ही मंच पर खड़े हो.