कानपुर देहात में जिंदा जलीं मां-बेटी. कानपुर देहात: जिले में दिल दहला देने वाला घटना हुई है. रूरा थाना क्षेत्र में तहसील प्रशासन की टीम अतिक्रमण की जद में आ रहे एक मंदिर को ध्वस्त करने गई थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान मंदिर से कुछ दूरी पर बनी झोपड़ी में आग लग गई. इसमें झोपड़ी में रहने वाली मां-बेटी की मौत हो गई. हादसे में गृह स्वामी गंभीर रूप से घायल हो गया. पीड़ित परिजनों ने जिला और तहसील प्रशासन पर घर में आग लगाकर मां-बेटी की हत्या करने का आरोप लगाया है. इस मामले में SDM, लेखपाल, SHO समेत कई पर FIR दर्ज की गयी है.
पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि जनवरी में मंदिर के पास बने उनके मकान को प्रशासन की टीम ने अवैध बताते कार्रवाई की बात कही थी. जिस पर 14 जनवरी को डीएम से मुलाकात पीड़ित परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई थी. डीएम ने जांच करके तीन दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इसके बाद भी उनका मकान ढहा दिया गया था. जबकि उनका मकान वैध था. इसको लेकर अधिकारियों से मिन्नत भी की गई लेकिन तब टीम ने उनकी एक न सुनी और जबरन मकान ढहा दिया था. आरोप है कि लेखपाल और एसडीएम ने रंजिश के चलते उन पर एकतरफा कार्रवाई की थी.
इसके बाद परिवार के लोग उस जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. सोमवार को तहसील प्रशासन की टीम मंदिर को गिराने आई थी. आरोप है कि उस दौरान अधिकारियों ने उनकी झोपड़ी में आग लगा दी. जिसमें महिला प्रमिला दीक्षित और उसकी बेटी नेहा दीक्षित (23 साल) जिंदा जल गईं. वहीं हादसे में महिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित गंभीर रूप से झुलस गए.
पीड़ित परिवार ने अकबरपुर तहसील प्रशासन समेत जिला प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है. दरअसल, तहसील प्रशासन अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा था. वहां पर पीड़ित परिजनों से बातों ही बातों में बवाल हो गया. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि तहसील प्रशासन ने घर को आग के हवाले कर दिया, जिसके चलते मां बेटी की जलकर मौत हो गई व परिवार को बचाने में पीड़ित पिता गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. प्रशासनिक अधिकारी मौके पर गाड़ी छोड़कर फरार हो गए.
पीड़ित परिवार ने बताया कि 14 जनवरी को डीएम कार्यालय पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई थी. इसके बावजूद तहसील प्रशासन ने जबरन पीड़ित का मकान गिरा दिया था. डीएम ने पीड़ित परिवार को 3 दिन में न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन, न्याय देने के बजाय, प्रशासन के अधिकारियों ने घर में आग लगा दी. पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाया कि लेखपाल और एसडीएम ने रंजिश के चलते उन पर एकतरफा कार्रवाई की थी. वहीं पर इस पूरे मामले में कानपुर देहात पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति का कहना है कि आरोपियों को बक्शा नहीं जाएगा. जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके घटना पर योगी सरकार को घेरा है. ट्वीट करके लिखा है कि 'कानपुर के मैथा में डीएम, एसडीएम और लेखपाल के शोषण और बुलडोजर का शिकार होकर प्रमिला दीक्षित, कृष्ण गोपाल दीक्षित व नेहा दीक्षित ने खुद को किया आग के हवाले। पुलिस प्रशासन ने कानपुर में बलवंत सिंह की हत्या कर दी थी, अब भी प्रशासन निर्दोषों की मौत का बन रहा कारण।शर्मनाक! मुआवजा दे सरकार।'
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