नई दिल्ली :विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री (एमओएस) डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि, 'भारत, उत्तरी सीमा पर चीन, पूर्वोत्तर में बर्मा (म्यांमार) और बांग्लादेश से घिरा है. मैं दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वोत्तर से निकटता से संबंधित हूं, यही वजह है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के त्रिकोणीय मोड़ को देखते हुए, मुझे इन पड़ोसी देशों से संबंधों को लेकर जिम्मा सौंपा जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी का सिद्धांत है कि पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध हों.
उन्होंने कहा, 'मुझे बहुत खुशी हो रही है क्योंकि दक्षिण पूर्व एशिया (South East Asia) के अधिकांश जातीय समुदायों की भाषाएं भी पूर्वोत्तर की भाषाओं से मिलती-जुलती हैं और यह पोर्टफोलियो बहुत दिलचस्प है और बड़ी जिम्मेदारियों वाला है. मैं आर्थिक, सांस्कृतिक और अंतरराष्ट्रीय राजनीति और विशेष रूप से दक्षिण एशिया (South Asia) और सार्क (SAARC) देशों को लेकर राष्ट्रीय एजेंडे के तहत अपना योगदान देने के लिए तत्पर हूं.'
'पूर्व की ओर देखो' नीति पर ये बोले
'पूर्व की ओर देखो नीति' (Look East policy) पर बात करते हुए सिंह ने कहा, 'भारत पूर्व की ओर सांस्कृतिक और आर्थिक संभावनाओं को देख रहा है. इस आधुनिक युग के साथ अपने पारंपरिक संबंधों को फिर से मजबूत कर रहा है. उदाहरण के लिए, भारत बौद्ध धर्म का मूल है और यहां तक कि बर्मा या म्यांमार भी एक बौद्ध देश है जिसके बाद लाओ, इंडोनेशिया आदि आते हैं. इसलिए यदि हम धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बौद्ध धर्म के पारंपरिक जुड़ाव के माध्यम से 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' बनाते हैं और अपनी आर्थिक गतिविधियों के लिए इन दो प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं, तो यह एक सफल एक्ट ईस्ट पॉलिसी (act east policy) होगी.'
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