आगर-मालवा : मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में लगातार हो रही कौओं की मौत के बाद प्रशासन सजग हो गया है. सभी जिलों में बर्ड फ्लू के लिए जांच की जा रही है. इसी कड़ी में आगर में भी जब प्रशासन जागा, तो चौंकाने वाले मामले सामने आए. जिले में शनिवार तक करीब 125-130 कौए मृत पाए गए हैं, जिसके बाद नगर पालिका की टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में खोज शुरू कर दी है.
बेसुध हालत में मिले कई कौए
शहर में जांच के दौरान सबसे ज्यादा कौओं की मौत छावनी स्थित डिपो में हुई है. जहां पिछले दो-तीन दिनों में सबसे ज्यादा मृत और बेसुध कौए मिले हैं. रविवार को भी जब टीम मौके पर पहुंची, तो वहां करीब 25 से 30 कौए मृत और बेसुध अवस्था में मिले, जिन्हें शहर के बाहर गड्ढे खोदकर दफन किया गया है.
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया भोपाल
नगर पालिका की टीम ने शनिवार तक करीब 125 मृत कौओं को शहर के बाहर दफन किया है. साथ ही अधिकारियों ने दो मृत कौओं को वन विभाग को सौंपा है. वन विभाग की टीम ने इन कौओं को पोस्टमार्टम के लिए भोपाल भेजा है. आगामी दो-तीन दिन में रिपोर्ट आ जाएगी. जिसके बाद कौओं की मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा.
इंदौर में हो चुकी है 83 कोऔं की मौत
बीते चार दिनों में इंदौर में 83 कौओं की मौत हो चुकी है. लिहाजा पशुपालन विभाग ने संक्रमित क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में अलर्ट जारी किया है. वहीं मृत पाए गए कौओं को सेनिटाइजेशन के बाद सुरक्षित तरीके से जमीन में दफनाया गया है.
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सीमावर्ती जिले में बर्ड फ्लू के चलते हुई है कौओं की मौत
जिले के सीमावर्ती राजस्थान के झालावाड़ जिले में बर्ड फ्लू के चलते लगातार कौओं की मौत हो रही है. ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने आशंका जताई है कि शायद इसी फ्लू के चलते शहर में भी कौओं की मौत हो रही है.
शहर के बाहर किया जा रहा दफन
नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक बसंत डुलगज ने बताया कि दो-तीन दिन से लगातार कौओं की मौत हो रही है. टीम लगातार मृत कौओं को शहर के बाहर दफन कर रही है. दो मृत कौओं को पोस्टमार्टम के लिए वन विभाग को सौंपा है.
एवियन इनफ्लुएंजा का है संक्रमण
राष्ट्रीय पशु रोग संस्थान भोपाल की रिपोर्ट के अनुसार इंदौर के डेली कॉलेज के आस-पास मृत पाए गए जिन चार कौओं के सैंपल संस्थान में परीक्षण के लिए आए थे. उन चार में से दो कौओं की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. दो को एच5एन8(H5N8) एवियन इन्फ्लूएंजा पाया गया. जबकि दो को सामान्य एवियन इनफ्लुएंजा वायरस पाया गया है.
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यह हैं संक्रमण के लक्षण
- कौओं यानी कि खासकर पक्षियों में इस संक्रमण को फैलने से पक्षी आमतौर पर उड़ता नहीं है.
- संक्रमण बढ़ने पर पक्षी पेड़ से जमीन पर गिरता है और उसकी मौत हो जाती है.
- पक्षी एवं पशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल यह संक्रमण अन्य पक्षियों में नहीं फैल रहा है, क्योंकि डेली कॉलेज क्षेत्र में अन्य पक्षी मोर, मुर्गी और कबूतर हजारों पक्षी हैं, जिनमें से फिलहाल किसी भी पक्षी की इस तरह मौत नहीं हुई है.
मानव शरीर के लिए घातक नहीं
इंदौर के पक्षी एवं पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत तिवारी के अनुसार बर्ड फ्लू का वायरस मानव शरीर के लिए उतना घातक नहीं है. फिलहाल यह वायरस कौओं से अन्य पक्षियों में नहीं फैल रहा है, इसलिए इसका मानव शरीर पर कोई प्रभाव पड़े इसकी आशंका बहुत कम है.
माइग्रेट हो सकती है बीमारी
सबसे पहले बर्ड फ्लू के संक्रमण का राजस्थान के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में पता चला था. मध्य प्रदेश में आशंका जताई जा रही है कि शायद राजस्थान से ही इस बीमारी का संक्रमण फैला है, वरिष्ठ पक्षी विशेषज्ञ मानते हैं कि संभवत: कोई कौआ राजस्थान से उड़कर पश्चिमी मध्य प्रदेश की सीमा में आया है, जिसके फलस्वरूप इंदौर में संक्रमण फैल रहा है.