नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर लगातार हो रहे हंगामे और कामकाज बाधित होने से अप्रसन्न लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (lok sabha Speaker om birla) गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए, जिस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury) ने उनके आसन पर आने की अपील की. लोकसभा की बैठक शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल से कहा कि सदस्य लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आसन पर देखना चाहते हैं.
चौधरी ने कहा, 'अध्यक्ष महोदय हमारे संरक्षक हैं. हम अपनी बात उनके समक्ष रख सकते हैं. हम उन्हें पीठ पर देखना चाहते हैं.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'सर, कृपया लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह करें कि वह आसन पर लौटें. जो भी मतभेद हैं, उन्हें हम सुलझा लेंगे.' इस पर अग्रवाल ने कहा कि उनकी बात लोकसभा अध्यक्ष तक पहुंचा दी जाएगी. मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर चौधरी के साथ कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, आरएसपी सांसद एन के प्रेमचंद्रन, तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत राय, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, द्रमुक सांसद कनिमोझी के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा अध्यक्ष से उनके कक्ष में भेंट की और सदन की मर्यादा को बनाए रखने में सहयोग का भरोसा दिलाया.
समझा जाता है कि मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर लगातार हो रहे हंगामे और कामकाज बाधित होने से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अप्रसन्न हैं और उन्होंने बुधवार को संसद भवन में मौजूद होने के बावजूद सदन में आकर कार्यवाही का संचालन नहीं किया था. गुरुवार को भी कार्यवाही शुरू होते समय वह आसन पर नहीं आए.
संघीय ढांचे से छेड़छाड़ की जाती रही तो देश तबाह हो जाएगा: कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने दिल्ली में 'समूह-ए' के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के प्रावधान वाले विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए गुरुवार को कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ है और ऐसा किया जाता रहा तो हिंदुस्तान तबाह हो जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 को लोकसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा.