गडग (कर्नाटक) : गडग के जीआईएमएस अस्पताल के डॉक्टरों ने एक चमत्कारी प्रयास करते हुए समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे के लिए तीन महीने तक गर्भ जैसा माहौल तैयार किया. बच्चे को तबतक उस महौल में रखा गया जब तक उसका विकास ठीक से नहीं हो गया. गडग तालुक के दुंदूर गांव की राजेश्वरी चिक्काना ने तय तारीख से तीन महीने पहले गडग के एक निजी अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. वह केवल 24 सप्ताह की गर्भवती थी. राजेश्वरी चिक्काना ने एक नवजात बच्चे और बच्ची को जन्म दिया. हालांकि जन्म के दूसरे ही दिन नवजात बच्ची की मृत्यु हो गई.
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जबकि जबकि नवजात बच्चा जिसकी आंख और कान का विकास ठीक से नहीं हुआ था जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था. नवजात का वजन केवल 700 ग्राम था. उसके फेफड़े विकसित नहीं हुये थे. नवजात बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. महंगे इलाज की वजह से उम्मीद खो चुके माता-पिता को गडग जीआईएमएस कंगारू मदर केयर यूनिट में शिफ्ट कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने नवजात के लिए गर्भ जैसा माहौल बना दिया. प्रारंभ में, जब तक फेफड़े विकसित नहीं हुए, तब तक वेंटिलेटर के माध्यम से फेफड़ों की जगह में पाइप द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी.