लखनऊः जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में जल शक्ति विभाग में तबादलों के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की भी पोल खोलने का काम किया है. पत्र में लिखा है कि वर्तमान स्थानांतरण नीति के अंतर्गत जो भी तबादले हुए उनमें बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार व तबादलों में गड़बड़ी हुई तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों की जानकारी मांगी लेकिन अब तक उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी गई. अधिकारियों की तरफ से भी उनके साथ सही तरीके बर्ताव नहीं किया जाता है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र में क्या कुछ लिखा है वह इस प्रकार है.
पत्र में लिखा गया है कि सादर अवगत कराना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है. इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज भाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है परन्तु जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी बैठक की सूचना दी जाती है, न ही विभाग में कौन - कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है, इत्यादि कोई सूचना अधिकारियों द्वारा नहीं दी जाती है, जिसके कारण राज्य मंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है.
सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं, और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं. इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या - 309 / ज.श.वि. / 2022 दिनांक 09.7.2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभीतक नहीं दी गयी है.
कई दिनों के बाद विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके सूचना हेतु कहा गया तब भी उन्होंने आजतक सूचना उपलब्ध नहीं करायी है. प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुने ही टेलीफोन काट दिया और उन्होंने भी मेरे बात को अनसुना कर दिया. यह एक जनप्रतिनिधि का बहुत बड़ा अपमान है.