हरिद्वारःधर्मनगरी हरिद्वार में हाल ही में संपन्न हुए कुंभ मेले को कोरोना का सुपर स्प्रेडर बताया जा रहा है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर मीडिया रिपोर्टिंग भी की जा रही है, लेकिन मेला प्रशासन ने इससे साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कुछ आंकड़े भी जारी किए है. मेला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से मेला समाप्त होने तक किये गये कुल आरटी-पीसीआर परीक्षणों में से केवल 0.2 प्रतिशत लोगों के संक्रमित होने का पता चला, जबकि मेला में तैनात केवल 0.5 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए.
हरिद्वार में कुंभ के दौरान एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख RT-PCR जांच की गई. जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले. कुंभ मेला में तैनात 16 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों में से केवल 88 पुलिसकर्मी ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाए गए. हालांकि मीडिया और इंटेलिजेंस की तरफ से जो आंकड़ें दिखाए जा रहे, वो मेला प्रशासन से मेल नहीं खा रहे है.
वहीं दूसरी ओर मीडिया और इंटेलिजेंस ने कुंभ मेले के दौरान गाड़ियों व श्रद्धालुओं की मूवमेंट को लेकर जो आंकड़े पेश किए है, जो थोड़े मेला प्रसाशन के आंकड़ों के मेल नहीं खाते है.
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कुंभ का दुष्प्रचार किया गया
हरिद्वार कुभ को जिस तरह से कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर' कहा जा रहा है, उसको लेकर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि कुंभ मेला विश्व की सांस्कृतिक अमूल्य धरोहर है, जहां मनुष्य अपने प्रश्नों के उत्तर पाता है. जीवन की सिद्धि समाधान जहां मिलता है, वह कुंभ ही तो है. इसका दुष्प्रचार किया गया कि यहां से कोरोना का संक्रमण फैला है. कुंभ में जितने भी स्नान हुए उनमें भारी भीड़ नहीं आई. मैंने अनेक कुंभ देखे हैं, लेकिन इस प्रकार की भीड़ हरिद्वार में नहीं थी. यहां के सारे घाट खाली रहे. कुंभ का स्नान केवल हर की पैड़ी तक सीमित रखा गया. उसमें विशेषकर संन्यासी और कुछ भक्त ही स्नान कर रहे थे.