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बिना OTP जालसाज लगा रहे बैंक खाते में सेंध, जानिए बचाव के उपाय

देश भर में साइबर क्राइम के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब तो बिना ओटीपी जाने भी साइबर ठग बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं. साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल से जानिए इनसे बचने के उपाय.

जानिए बचाव के उपाय
जानिए बचाव के उपाय

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Published : Apr 12, 2021, 10:04 PM IST

नई दिल्ली:देश भर में साइबर अपराध जिस तरीके से बढ़ रहे हैं, उसने सबको हैरान-परेशान कर दिया है. जालसाज रोज नये तरीकों से लोगों के बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में जालसाजों ने बिना ओटीपी के लोगों के बैंक खाते में सेंध लगाना शुरू कर दिया है.

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि इस तरह की घटनाओं से लोग बच सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी होंगी.

बढ़ रहा साइबर क्राइम

कुछ दिन पहले सीएजी के अधिकारी के बैंक खाते से चार लाख रुपये से ज्यादा की रकम निकाल ली गई थी. जालसाज ने यह रकम उनके खाते से जब निकाली तो उनके मोबाइल पर ओटीपी तक नहीं आया.

उनकी शिकायत पर पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन जालसाज का कोई सुराग उन्हें नहीं मिला. इसी तरह की कई वारदातें राजधानी में लोगों के साथ हुई है. अधिकांश लोगों को यह लगता है कि बिना ओटीपी के उनके खाते से कोई रुपये नहीं निकाल सकता लेकिन इन जालसाजों द्वारा की गई ऐसी वारदातों ने साइबर एक्सपर्ट को भी हैरान कर दिया है. कभी वह मोबाइल हैक कर आपके खाते में सेंध लगाते हैं तो कभी कार्ड की जानकारी चुराकर.

साइबर अपराधियों का स्वर्णिम युग

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि दुनियाभर में साइबर अपराध बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. ऐसे में कोरोना संक्रमण काल साइबर जालसाजों के लिए स्वर्णिम युग बनकर आया है.

कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के साथ ही यह जालसाज तेजी से अपराध कर रहे हैं. पहले जहां यह अपराधी लोगों से विभिन्न बहाने से ओटीपी लेकर उनके बैंक खाते में सेंध लगाते थे, तो वहीं अब बिना ओटीपी के भी वह लोगों के खाते में सेंध लगा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि ऐसा देखने में आता है कि कुछ ट्रांजेक्शन में केवल कार्ड नंबर एवं सीवीवी नंबर की आवश्यकता होती है. ऐसे में अपराधी अगर आपका कार्ड नंबर एवं सीवीवी नंबर ले लेता है तो वह आपके खाते में सेंध लगा देंगे.

आसान नहीं होता जालसाजों को पकड़ना

पुलिस सूत्रों के अनुसार, साइबर अपराध जिस तरीके से बढ़ रहा है, उस पर काबू पाना आसान नहीं है. साइबर अपराधी पश्चिम बंगाल, झारखंड, मेवात आदि क्षेत्रों से सक्रिय हैं. यहां पर इनकी संख्या बहुत ज्यादा है.

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पुलिस कई गैंग का पर्दाफाश कर अभी तक सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. लेकिन आसान अपराध से मिलने वाले मोटे मुनाफे के चलते अधिक युवा साइबर क्राइम कर रहे हैं. आये दिन नए गैंग साइबर अपराध की दुनिया में उतर रहे हैं. वहीं पुलिसकर्मी ऐसे अपराधों से निपटने के लिए अभी पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हैं. इसकी वजह से यह अपराधी पकड़ में नहीं आते हैं.

जानिए साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल की सलाह

  • साइबर सुरक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बना लें.
  • इंटरनेट पर मौजूद सभी बात पर विश्वास न करें.
  • जागरूकता से ही साइबर अपराध से बचा जा सकता है.
  • इंटरनेट पर ट्रांजेक्शन केवल उन वेबसाइट पर करें जो https से शुरू होती हैं.
  • अपना डेबिट/क्रेडिट कार्ड कभी दूसरे शख्स के हाथ में न दें
  • अपने प्रत्येक ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड अवश्य रखें
  • अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड के ट्रांजेक्शन लिमिट को कम रखें.
  • अपने कार्ड को एसएमएस अलर्ट से अवश्य जोड़ लें.
  • अपने कार्ड की जानकारी एवं CVV नंबर किसी से साझा न करें.
  • अगर आपके कार्ड से कोई गलत ट्रांजेक्शन हो तो तुरंत इसकी शिकायत बैंक एवं पुलिस को दें.

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