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कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी को 22-23 अप्रैल को आयोजित होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. उधर, भारत ने पूर्वी लद्दाख के शेष क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की वकालत की.

विदेश मंत्रालय
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Published : Apr 2, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Apr 2, 2021, 7:01 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने वैक्सीन के निर्यात पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. म्यामांर मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम वहां हो रही हिंसा की निंदा करते हैं. मंत्रालय ने कहा कि हमारा मानना है कि कानून का शासन कायम होना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए खड़े हैं. हमने राजनीतिक कैदियों की रिहाई का आग्रह किया है और आसियान के प्रयासों सहित वर्तमान स्थिति को हल करने में किसी भी प्रयास का समर्थन किया है.

उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी को 22-23 अप्रैल को आयोजित होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. पीएम मोदी ने उनकी पहल का स्वागत किया और निमंत्रण स्वीकार किया.

भारत ने पूर्वी लद्दाख के शेष क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की वकालत की

भारत-चीन संबंधों को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान हालात लम्बे समय तक बने रहना किसी के हित में नहीं है तथा उसे उम्मीद है कि चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में सैनिकों की पूरी तरह जल्द वापसी सुनिश्चित करने के लिए उसके साथ मिलकर काम करेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के हटने से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का माहौल बन सकता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी एक महत्वपूर्ण कदम था और इसने पश्चिमी सेक्टर में अन्य मुद्दों के समाधान के लिये अच्छा आधार प्रदान किया. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों द्वारा शेष मुद्दों का तेजी से समाधान करने पर सहमति बनी है. दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक चैनलों के माध्यम से संपर्क में हैं.

बागची ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान हालात लम्बे समय तक बने रहना किसी के हित में नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में सैनिकों की पूरी तरह जल्द वापसी सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पैंगोग झील क्षेत्र से सैनिकों के पीछे हटने के बाद वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के 10वें दौर की वार्ता हुई और विदेश मंत्री (एस जयशंकर) की उनके चीनी समकक्ष से टेलीफोन पर बातचीत हुई. इसके बाद चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय पर कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 12 मार्च को बैठक हुई.

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उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के शीर्ष कमांडरों की बैठक और डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में शेष मुद्दों के समाधान को लेकर विचारों का विस्तार से अदान प्रदान हुआ. बागची ने कहा इस बात के लेकर सहमति है कि दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों का तेजी से समाधान निकालना चाहिए.

Last Updated : Apr 2, 2021, 7:01 PM IST

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