नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने कोंकण, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र और गुजरात में छिटपुट बूंदाबादी से लेकर भारी बारिश और 25 जुलाई से उत्तर पश्चिम भारत में बारिश में तेजी संभावना व्यक्त की है. विभाग ने बताया कि 25 और 27 जुलाई के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. 23 से 27 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में और 25-26 जुलाई को पश्चिमी राजस्थान में भारी बारिश हो सकती है. देश के मध्य भाग में भी 27 जुलाई तक लगातार बारिश होने की संभावना है. मानसून सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर बढ़ रहा है. अगले 2 से 3 दिनों के दौरान पश्चिमी छोर के धीरे-धीरे उत्तर की ओर स्थानांतरित होने की संभावना है. 24 जुलाई को पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है. मध्य भारत में छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना है. आईएमडी ने आगे कहा कि 27 जुलाई तक कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.
इधर, गुजरात केजूनागढ़ और अहमदाबाद में बारिश का कहर जारी है. गुजरात के कई शहरों में मूसलाधार बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई. अहमदाबाद और जूनागढ़ समेत दक्षिण गुजरात के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. सड़कों पर भानी भरने से लोगों को जीवन अस्त व्यस्त हो गया. सड़कों पर पानी का बहाव ऐसा कि घरों के बाहर खड़ी गाड़ियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गईं. पांच घंटे तक लगातार हुई बारिश ने पूरे जूनागढ़ में जलभराव की स्थिति खड़ी कर दी. मौसम विभाग ने सौराष्ट्र में रविवार से अगले दो दिनों तक ऑरेंज अलर्ट पर रखा है. सौराष्ट्र-कच्छ में कुल 29 इंच बारिश हुई है. जो इस सीजन की सबसे अधिक बारिश है.
जानकारी के मुताबिक, जूनागढ़ में इतिहास की सबसे भारी बारिश दर्ज की गई है. जूनागढ़ में दोपहर 12 बजे मुसलाधार बारिश शुरू हुई और एक घंटे के अंदर ही शहर की सभी सड़कों पर दो से तीन फीट तक बारिश का पानी जमा हो गया. साल 1984 की आपदा के बाद जूनागढ़ के निवासी अपनी आंखों के सामने एक बार फिर जल प्रलय देखकर चिंतित जरूर हो गए. अत्यधिक बारिश के कारण शहर के प्रतिष्ठित रायजीबाग इलाके में भी भारी नुकसान पहुंचा है, जहां जूनागढ़ शहर की सभी सड़कों पर दो फीट से अधिक बारिश का पानी देखा गया. इस दौरान ड्रेनेज व्यवस्था नाकाम साबित हो रही है. दुकानदारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दुकानों के अंदर बारिश का पानी घुस गया है.
3,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया :मूसलाधार बारिश से जूझ रहे जूनागढ़ जिले के करीब 3,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है.
NDRF ने संभाला मोर्चा:एनडीआरएफ कमांडेंट राकेश सिंह बिस्ट दिनभर अपनी टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहे. लगातार बारिश के बीच मुख्य सड़कों के अलावा बाजार में भी पानी भर गया. मूसलाधार बारिश के दौरान गिर में 16 इंच बारिश हुई. गिरनार की तलहटी में बहते झरनों के दृश्य देखने को मिले. दातार से सोनरख और कलवा नदी में प्रवेश करने वाला पानी आसपास की सोसायटी में भर गया. बताया जा रहा है कि करीब 200 लोगों को बचाया गया है. जगह-जगह बाढ़ पानी जैसी स्थिति देखी गई, वहीं मंदिर और आश्रम में भी पानी भर गया.
सौराष्ट्र-कच्छ 29 इंच बारिश:सौराष्ट्र-कच्छ में कुल 29 इंच बारिश हुई है, जो इस सीजन की सबसे अधिक बारिश है. जूनागढ़ शहर में कोई जलजमाव वाला क्षेत्र नहीं था. कई इलाके तो ऐसे थे जहां कमर तक पानी था. सुबह 10 बजे बारिश शुरू हो गई. दोपहर दो बजे तक चार इंच बारिश हो चुकी थी. जूनागढ़ के हालात को देखते हुए राज्य मंत्री राधवजी पटेल ने जूनागढ़ कलेक्टर कार्यालय में युद्ध स्तर पर समीक्षा बैठक बुलाई. उधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. आईएमडी ने 26 जुलाई तक उत्तरी गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने के लिए नहीं जाने की सलाह दी है.
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महाराष्ट्र में पांच दिनों तक भारी बारिश का अनुमान:गुजरात के अलावा महाराष्ट्र के भी कई जिलों में बारिश हो रही है. मुंबई सहित यवतमाल जिला बाढ़ से प्रभावित है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रायगढ़, पुणे समेत आठ जिलों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, इसमें ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, कोल्हापुर, सतारा जिले शामिल हैं, जबकि सोमवार को रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और सतारा जिलों को ऑरेंज अलर्ट दिया गया है. अगले पांच दिनों में राज्य में कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है. भारी बारिश के बीच जलगांव में तापी नदी पर बने हतनूर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया.
नागपुर में बाढ़, बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत: महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के नागपुर मंडल में 13 जुलाई के बाद से अब तक भारी बारिश के बाद बाढ़ और बिजली गिरने के कारण कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है और 1,600 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. गढ़चिरौली और भंडारा में तीन-तीन, वर्धा और गोंदिया में दो-दो तथा चंद्रपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर मंडल के छह जिलों में 1,601 मकान और झोंपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गयीं जबकि 39 पशुओं की भी मौत हो गई. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बारिश से नागपुर मंडल के कई हिस्सों में 875.84 हेक्टेयर कृषि जमीन पर असर पड़ा है. नागपुर मंडल में नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरौली जिले आते हैं. अमरावती, अकोला, भंडारा, बुलढाणा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, नागपुर, वर्धा, वाशिम और यवतमाल वाले विदर्भ क्षेत्र में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है.