दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Weather Updates: आईएमडी ने इन राज्यों के लिए 27 जुलाई तक भारी बारिश की दी चेतावनी

गुजरात में शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण जूनागढ़ में बाढ़ जैसे हालात बन गए. शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए. सड़कों पर गाड़ियां तिनके की तरह बहतीं नजर आईं. कई पॉश इलाकों के घरों में पानी भर गया है. इधर, महाराष्ट्र में भी बारिश ने तबाही मचायी है. अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का अनुमान किया जा रहा है. इस बीच बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. अन्य राज्यों का हाल जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Gujarat Rain Updates
Gujarat Rain Updates

By

Published : Jul 23, 2023, 1:01 PM IST

Updated : Jul 23, 2023, 10:20 PM IST

जूनागढ़ में भारी बारिश से तबाही, कई जिलों में बने बाढ़ जैसे हालात.

नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने कोंकण, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र और गुजरात में छिटपुट बूंदाबादी से लेकर भारी बारिश और 25 जुलाई से उत्तर पश्चिम भारत में बारिश में तेजी संभावना व्‍यक्‍त की है. विभाग ने बताया कि 25 और 27 जुलाई के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. 23 से 27 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में और 25-26 जुलाई को पश्चिमी राजस्थान में भारी बारिश हो सकती है. देश के मध्य भाग में भी 27 जुलाई तक लगातार बारिश होने की संभावना है. मानसून सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर बढ़ रहा है. अगले 2 से 3 दिनों के दौरान पश्चिमी छोर के धीरे-धीरे उत्तर की ओर स्थानांतरित होने की संभावना है. 24 जुलाई को पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है. मध्य भारत में छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना है. आईएमडी ने आगे कहा कि 27 जुलाई तक कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.

इधर, गुजरात केजूनागढ़ और अहमदाबाद में बारिश का कहर जारी है. गुजरात के कई शहरों में मूसलाधार बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई. अहमदाबाद और जूनागढ़ समेत दक्षिण गुजरात के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. सड़कों पर भानी भरने से लोगों को जीवन अस्त व्यस्त हो गया. सड़कों पर पानी का बहाव ऐसा कि घरों के बाहर खड़ी गाड़ियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गईं. पांच घंटे तक लगातार हुई बारिश ने पूरे जूनागढ़ में जलभराव की स्थिति खड़ी कर दी. मौसम विभाग ने सौराष्ट्र में रविवार से अगले दो दिनों तक ऑरेंज अलर्ट पर रखा है. सौराष्ट्र-कच्छ में कुल 29 इंच बारिश हुई है. जो इस सीजन की सबसे अधिक बारिश है.

जानकारी के मुताबिक, जूनागढ़ में इतिहास की सबसे भारी बारिश दर्ज की गई है. जूनागढ़ में दोपहर 12 बजे मुसलाधार बारिश शुरू हुई और एक घंटे के अंदर ही शहर की सभी सड़कों पर दो से तीन फीट तक बारिश का पानी जमा हो गया. साल 1984 की आपदा के बाद जूनागढ़ के निवासी अपनी आंखों के सामने एक बार फिर जल प्रलय देखकर चिंतित जरूर हो गए. अत्यधिक बारिश के कारण शहर के प्रतिष्ठित रायजीबाग इलाके में भी भारी नुकसान पहुंचा है, जहां जूनागढ़ शहर की सभी सड़कों पर दो फीट से अधिक बारिश का पानी देखा गया. इस दौरान ड्रेनेज व्यवस्था नाकाम साबित हो रही है. दुकानदारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दुकानों के अंदर बारिश का पानी घुस गया है.

3,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया :मूसलाधार बारिश से जूझ रहे जूनागढ़ जिले के करीब 3,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है.

NDRF ने संभाला मोर्चा:एनडीआरएफ कमांडेंट राकेश सिंह बिस्ट दिनभर अपनी टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहे. लगातार बारिश के बीच मुख्य सड़कों के अलावा बाजार में भी पानी भर गया. मूसलाधार बारिश के दौरान गिर में 16 इंच बारिश हुई. गिरनार की तलहटी में बहते झरनों के दृश्य देखने को मिले. दातार से सोनरख और कलवा नदी में प्रवेश करने वाला पानी आसपास की सोसायटी में भर गया. बताया जा रहा है कि करीब 200 लोगों को बचाया गया है. जगह-जगह बाढ़ पानी जैसी स्थिति देखी गई, वहीं मंदिर और आश्रम में भी पानी भर गया.

सौराष्ट्र-कच्छ 29 इंच बारिश:सौराष्ट्र-कच्छ में कुल 29 इंच बारिश हुई है, जो इस सीजन की सबसे अधिक बारिश है. जूनागढ़ शहर में कोई जलजमाव वाला क्षेत्र नहीं था. कई इलाके तो ऐसे थे जहां कमर तक पानी था. सुबह 10 बजे बारिश शुरू हो गई. दोपहर दो बजे तक चार इंच बारिश हो चुकी थी. जूनागढ़ के हालात को देखते हुए राज्य मंत्री राधवजी पटेल ने जूनागढ़ कलेक्टर कार्यालय में युद्ध स्तर पर समीक्षा बैठक बुलाई. उधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. आईएमडी ने 26 जुलाई तक उत्तरी गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने के लिए नहीं जाने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें-

महाराष्ट्र में पांच दिनों तक भारी बारिश का अनुमान:गुजरात के अलावा महाराष्ट्र के भी कई जिलों में बारिश हो रही है. मुंबई सहित यवतमाल जिला बाढ़ से प्रभावित है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रायगढ़, पुणे समेत आठ जिलों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, इसमें ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, कोल्हापुर, सतारा जिले शामिल हैं, जबकि सोमवार को रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और सतारा जिलों को ऑरेंज अलर्ट दिया गया है. अगले पांच दिनों में राज्य में कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है. भारी बारिश के बीच जलगांव में तापी नदी पर बने हतनूर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया.

नागपुर में बाढ़, बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत: महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के नागपुर मंडल में 13 जुलाई के बाद से अब तक भारी बारिश के बाद बाढ़ और बिजली गिरने के कारण कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है और 1,600 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. गढ़चिरौली और भंडारा में तीन-तीन, वर्धा और गोंदिया में दो-दो तथा चंद्रपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर मंडल के छह जिलों में 1,601 मकान और झोंपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गयीं जबकि 39 पशुओं की भी मौत हो गई. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बारिश से नागपुर मंडल के कई हिस्सों में 875.84 हेक्टेयर कृषि जमीन पर असर पड़ा है. नागपुर मंडल में नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरौली जिले आते हैं. अमरावती, अकोला, भंडारा, बुलढाणा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, नागपुर, वर्धा, वाशिम और यवतमाल वाले विदर्भ क्षेत्र में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है.

नागपुर स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में अकोला में 107.9 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं, यवतमाल में इस अवधि में 24 मिलीमीटर, वर्धा में 23.4 मिलीमीटर, अमरावती में 15.6 मिलीमीटर, नागपुर में 6.7 मिलीमीटर, गढ़चिरौली में 3.0 मिलीमीटर, गोंदिया में 2.2 मिलीमीटर, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर) में 2.4 मिलीमीटर और बुलढाणा में 2.0 मिलीमीटर बारिश हुई.

महाराष्ट्र भूस्खलन में एनडीआरएफ ने अभियान बंद किया : एनडीआरएफ ने महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के इरशालवाडी में बुधवार को हुए भूस्खलन के सिलसिले में अपना तलाश एवं बचाव अभियान बंद कर दिया है. महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने रविवार को यह जानकारी दी. रायगढ़ के प्रभारी मंत्री सामंत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिला प्रशासन, अन्य संबंधित प्राधिकारों और स्थानीय लोगों के साथ परामर्श कर यह निर्णय लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि अबतक मलबे से 27 शव निकाले गये हैं, जबकि 57 लोगों के बारे में पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि रविवार को मलबे में कोई शव नहीं मिला. उन्होंने बताया कि जिन लोगों के शव निकाले गये हैं, उनमें 12 पुरुष, 10 महिलाएं और चार बच्चे हैं, जबकि एक शव की अबतक शिनाख्त नहीं हो पायी है. एक सुदूर आदिवासी गांव में 19 जुलाई को रात करीब साढ़े दस बजे हुए भूस्खलन के चलते 48 में से कम से कम 17 मकान मलबे के नीचे दब गये. एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने इरशालवाडी में शनिवार शाम खराब मौसम के चलते तलाश एवं बचाव अभियान बंद कर दिया था, लेकिन चौथे दिन रविवार को इसे फिर से शुरू किया गया था. यह स्थान मुंबई से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

केरल के 6 जिलों में बारिश का अलर्ट: केरल के मध्य और उत्तरी इलाकों में भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने राज्य के इडुक्की, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बारिश की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग ने एक बयान में कहा कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव बनने से राज्य के उत्तरी और मध्य जिलों में 26 जुलाई तक बारिश की संभावना है.

बारिश और भूस्खलन से बेहाल कठुआ:जम्मू कश्मीर के कठुआ में इस सप्ताह भारी बारिश और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. लोग अपने-अपने नुकसान का आंकलन कर रहे हैं. सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. लोग बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों और पुलों को हुए नुकसान की भी तत्काल मरम्मत करने की मांग कर रहे हैं. लोगों को डर है कि समय रहते मरम्मत का काम पूरा नहीं हुआ, तो बाहरी दुनिया से उनका संपर्क टूट जाएगा. इससे पूरे इलाके को और नुकसान झेलना पड़ सकता है.

अखनूर में चिनाब नदी से बाढ़ का खतरा :पाकिस्तान की सीमा से सटे जम्मू कश्मीर के अखनूर जिले में भारी बारिश में सैकड़ों एकड़ जमीन डूब गई. चिनाब नदी में अचानक आई बाढ़ में एक घर तक बह गया. जिला प्रशासन ने फौरन बचाव अभियान शुरू किया और ज्यादातर लोगों और उनके सामानों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया. बचाव और राहत अभियान में जिला प्रशासन के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी शामिल हैं. डरे हुए गांव वालों का कहना है कि चिनाब नदी का पानी खतरनाक रूप से उनके गांवों की और बढ़ रहा है. खेती की सैकड़ों एकड़ जमीन में पानी भर गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. गंभीर हालात के बीच मानसून के कुछ और हफ्ते जारी रहने की संभावना है। ऐसे में लोगों की उम्मीदें प्रशासन से मदद और राहत पर टिकी हुई हैं.

पंजाब में बाढ़ के कारण लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान:पंजाब में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ से राज्य को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को यह जानकारी दी.मुख्यमंत्री ने कहा कि नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी और राहत पैकेज की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि नुकसान का जमीनी आकलन किया जाएगा और लोगों को मुआवजा दिया जाएगा.

दरअसल पंजाब में कई जगहें अब भी बाढ़ की चपेट में हैं. स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार की ओर से राहत कार्य के दावे किये जा रहे हैं. घग्गर से सटे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. घग्गर में जलस्तर बढ़ने से पटियाला के कई गांवों में बाढ़ आ गई है. यहां तक कि कई किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं. पटियाला के भागपुर और आसपास के गांवों में बाढ़ आ गई है. फिरोजपुर में भी जलस्तर बढ़ने लगा है.

रविवार की सुबह 8 बजे हरिके हेड से हुसैनीवाला हेड की ओर 81338 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान की ओर 76580 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. सरदूलगढ़ के कई गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं. साधुगढ़ में पानी थोड़ा कम हुआ है, लेकिन अभी भी गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है. यहां के लोगों को मदद की जरूरत है, जिसके लिए वे जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. भारत ने पाकिस्तान सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद शनिवार को श्री करतारपुर साहिब यात्रा शुरू करने से इनकार कर दिया. शनिवार को जब डीसी गुरदासपुर हिमांशु अग्रवाल ने श्री करतारपुर साहिब का दौरा किया, तो पानी के कारण सड़कों और बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ, जिसके कारण यात्रा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

हैदराबाद के हुसैन सागर झील से बाढ़ का खतरा :तेलंगाना के हैदराबाद में शनिवार को यहां का हुसैन सागर झील बारिश के पानी से लबालब भरी नजर आई. झील में पानी का स्तर 514.75 मीटर तक पहुंच चुका है, जो अधिकतम स्तर है. शहर भर में पानी के नालों से झील में पानी पहुंच रहा था. प्रशासन एहतियात के उपाय कर रहा है. अधिकारियों के मुताबिक हुसैन सागर के डिस्चार्ज चैनलों के आसपास और निचले इलाकों में रहने वालों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.

(अतिरिक्त इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Jul 23, 2023, 10:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details