नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल) :ममता बनर्जी ने आज नंदीग्राम में तृणमूल की रैली को संबोधित किया. ममता बनर्जी ने संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों की प्रतिक्रिया के कारण नंदीग्राम से लड़ने का फैसला किया है. ममता ने कहा कि उन्होंने मन बना लिया था कि वे इस समय सिंगूर या नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख इस चर्चित सीट पर अपने पूर्व विश्वस्त शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने जा रही हैं. अधिकारी कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हो गये थे. राज्य में आठ चरणों में होने जा रहे चुनाव के तहत दूसरे चरण में एक अप्रैल को नंदीग्राम में मतदान होना है.
ममता ने शुभेंदु का एक बार भी नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने (ममता ने) सिंगूर या नंदीग्राम में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का अपना मन बना लिया था. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने लोगों की जबरदस्त मांग को लेकर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया.
गौरतलब है कि ये दोनों ही स्थान भूमि अधिग्रहण के खिलाफ राज्य में हुए आंदोलन का मुख्य केंद्र रहे थे और इस आंदोलन ने ममता को 2011 में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया था.
विधानसभा चुनाव में इस सीट से नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले बूथ स्तर के तृणमूल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, मैंने सुना है कि कुछ लोग मुझे नंदीग्राम में बाहरी कह रहे हैं. मैं हैरान हो गई. मैं पड़ोसी बीरभूम जिले में जन्मीं और पली-बढ़ी हूं. आज मैं बाहरी हो गई और जो गुजरात से आए हैं वे बंगाल में स्थानीय हो गये.
ममता ने दीदी हम आपको चाहते हैं के नारे के बीच कहा, इस तर्क के अनुसार तो मुझे 10 साल से राज्य का मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए था. और अब बंगाल की बेटी बाहरी कुछ लोगों के लिए बाहरी हो गई है. क्या आपने कभी बाहरी मुख्यमंत्री सुना है? यदि स्थानीय लोग मुझसे चुनाव लड़ने को नही कहेंगे तो मैंन वापस चली जाऊंगी.
अधिकारी अक्सर की खुद को भूमिपुत्र बताते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर पलटवार करते रहे हैं. दरअसल, ममता भाजपा पर बाहरी होने का आरोप लगाती रही हैं.
तृणमूल कांग्रेस से पाला बदलने वाले नेता ने ऐलान किया है कि यदि वह टीएमसी प्रमुख को 50,000 वोटों के अंतर से नहीं हरा सकें, तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे.
ममता ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों से मिल रहे प्रेम एवं स्नेह के चलते ही वह नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं.