श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर ने 30 वर्षों तक पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का सामना किया है, लेकिन सीमा पार से समर्थन के साथ फलने-फूलने वाले आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को अलग-थलग कर दिया गया है. एलजी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश अब एक नए युग का गवाह बन रहा है, जिसने विकास और शांति की असीम संभावनाएं खोल दी हैं.
करीब 30 वर्षों तक लगभग सभी धार्मिक संप्रदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की इस भूमि को हमारे पड़ोसी देश द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होना पड़ा. उन्होंने यहां एसकेआईसीसी में जी20 देशों के तीसरे पर्यटन कार्य समूह की बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई विकासात्मक योजनाओं और केंद्र शासित प्रदेश के प्रभावी प्रशासन के माध्यम से आतंकवाद का पारिस्थितिकी तंत्र अब अलग-थलग पड़ गया है.
सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अन्याय, शोषण और भेदभाव को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, जिसका सामना समाज के कई वर्गों ने सात दशकों तक उन परिस्थितियों के कारण किया, जो मुख्य रूप से विदेशों से ऑर्केस्ट्रेशन के कारण विकसित हुई थीं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत के विकसित क्षेत्रों में कुछ मापने योग्य मील के पत्थर पर खड़ा है और हम आर्थिक और सामाजिक रूप से लोगों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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उन्होंने कहा कि अब विदेशी निवेश भी जम्मू-कश्मीर में आ रहे हैं, बेहतर समय की हरी झंडी जिसे लोग उत्सुकता से देख रहे हैं. सिन्हा ने कहा कि गहरी पहल भारत के संकल्प को प्रदर्शित करती है कि जम्मू-कश्मीर को भी बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह लोकतंत्र के गुणों का लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ है, नए उद्योग सामने आ रहे हैं, तेजी से कृषि विकास हमारे गांवों को समृद्ध बना रहा है, बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से हो रहा है और प्रौद्योगिकी पर हमारा जोर जम्मू-कश्मीर को एक डिजिटल समाज में बदल रहा है.
पर्यटन में आई तेजी का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा कि पिछले साल रिकॉर्ड 1.8 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया. उन्होंने कहा कि पर्यटन ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर के सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया.