नई दिल्ली : यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपति (Indias Ambassador to Ukraine Partha Satpathy) ने शनिवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा. उन्होंने इस कठिन समय में भारतीयों द्वारा प्रदर्शित किए गए अद्वितीय साहस की सराहना भी की. सतपति ने एक संदेश के रूप में यह टिप्पणी की, जो सूमी में फंसे भारतीय छात्रों द्वारा जारी एक वीडियो के बाद आई है. वीडियो में कहा गया था कि उन लोगों ने रूसी सीमा की ओर बढ़ने का फैसला किया है और यदि उनके साथ कोई हादसा होता है तो उसके लिए भारत सरकार और यूक्रेन का भारतीय दूतावास जिम्मेदार होगा.
दूतावास के आश्वासन के बाद छात्रों ने यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी को नहीं छोड़ा है. यह शहर दोनों देशों (रूस और यूक्रेन) के सैनिकों के बीच घमासान युद्ध का गवाह बन रहा है. सतपति ने कहा, 'पिछले दो सप्ताह हम सभी के लिए डरावने और चुनौतीपूर्ण रहे हैं. हममें से शायद ही कोई इस तरह के दर्द और विनाश के मंजर का गवाह बना हो.'
उन्होंने कहा, 'मुझे भारतीय नागरिकों, खासकर युवाओं की परिपक्वता और साहस पर गर्व है कि वे इस कठिन समय में बहादुरी के साथ वहां रुके हुए हैं. उनका यह संदेश कीव में भारतीय दूतावास द्वारा ट्विटर पर जारी किया गया. उन्होंने कहा, 'हमारा दूतावास भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ेगा. मैं जानता हूं कि हमारे विद्यार्थियों ने इस कठिन समय में जो साहस और संकल्प प्रदर्शित किया है, उसका कोई सानी नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मैं आपलोगों से कुछ और धैर्य एवं साहस रखने की अपील करता हूं, ताकि हम आपकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें.'
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