नई दिल्ली :लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने कुछ ऐसे प्रस्ताव और फैसले लिए उनके खिलाफ लोग सड़कों पर आ गए हैं. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो प्रफुल्ल पटेल वहां गृह मंत्री भी रहे हैं. बीते साल दिसंबर में पटेल को लक्षदीप का प्रशासक बनाया गया था. उसके बाद से ही वह लगातार विवादों में हैं.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पटेल ने लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 का मसौदा सार्वजनिक किया. यहां के लोग इसे जमीन हड़पने वाला मसौदा बता रहे हैं, इसके अलावा पटेल ने बीफ पर बैन लगाने, अपराध बेहद कम होने के बावजूद भी गुंडा एक्ट लगाने और ऐसे लोग जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें पंचायत चुनाव में अयोग्य ठहराने जैसे प्रस्ताव भी इसमें शामिल कर दिए हैं.
निकाय में जबरदस्त घमासान
इन प्रस्तावों को लेकर भाजपा की स्थानीय निकाय में जबरदस्त घमासान मचा हुआ है. मामला पार्टी के केंद्रीय कार्यालय तक पहुंच चुका है. पार्टी के लक्षदीप इकाई के अध्यक्ष अब्दुल कादिर हाजी प्रशासक का समर्थन कर रहे हैं वहीं पार्टी महासचिव मोहम्मद कासिम ने कार्यकर्ताओं के साथ पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका दावा है कि कई लोगों ने पार्टी छोड़ दी है. यह मामला अब पार्टी अध्यक्ष तक भी पहुंच चुका है. पार्टी के लक्षद्वीप इकाई के महासचिव मोहम्मद कासिम और उनके साथ बड़ी संख्या में मौजूद स्थानीय नेताओं के बागी तेवर को लेकर पार्टी काफी चिंतित है.
राहुल-पवार ने लिखा पीएम को पत्र
यह विवाद अब राष्ट्रीय विवाद बनता जा रहा है क्योंकि इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि प्रशासक को विवादित फैसले वापस लेने का निर्देश जारी करें. यही नहीं इस मामले में एनसीपी सुप्रीमो पवार ने भी प्रधानमंत्री को खत लिखकर प्रशासक के तानाशाह मसौदे को वापस लेने की गुहार लगाई है.
केरल के सीएम ने भी जताया विरोध