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परमवीर सिंह और विवादों का पुराना रिश्ता, एक नजर

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Published : Mar 17, 2021, 6:30 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 7:00 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को अचानक ही मुंबई पुलिस प्रमुख परमवीर सिंह के तबादले की घोषणा कर दी. उन्हें होमगार्ड का डीजी बनाया गया है. परमवीर सिंह को पुलिस प्रमुख के पद से क्यों हटाया गया, सरकार ने इसकी जानकारी नहीं दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनके नाम से कई विवाद जुड़े हैं. संभव है इसकी वजह से उन्हें हटाने का निर्णय लिया गया हो. आइए एक नजर डालते हैं उनके नाम से जुड़े प्रमुख विवादों पर.

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महाराष्ट्र के विवादास्पद पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह

हैदराबाद : महाराष्ट्र सरकार ने परमवीर सिंह को मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटा दिया है. उन्हें होमगार्ड विभाग में नई जिम्मेदारी दी गई है. जब से परमवीर सिंह मुंबई पुलिस प्रमुख के पद पर काबिज हुए थे, उनके नाम से कई विवाद जुड़ते गए हैं. इनमें सुशांत सिंह राजपूत मामला, बिहार पुलिस से सूचना साझा नहीं करना, टीआरपी स्कैम और सचिन वाजे से जुड़़े विवाद अहम हैं. वैसे, इससे पहले भी उनके नाम से जुड़े कई विवाद रहे हैं. आइए इन पर एक नजर डालते हैं.

परमवीर सिंह मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. वह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.

ममता कुलकर्णी को बनाया था आरोपी

परमवीर सिंह पहली बार उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने ड्रग्स रैकेट मामले में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को आरोपी बनाया था. उनके पति भी आरोपी थे. इस मामले से जुड़ी जानकारी के लिए अमेरिका से एफबीआई की टीम मुंबई आई थी. तब परमवीर ठाणे के पुलिस कमिश्नर हुआ करते थे.

एनकाउंटर टीम में थे शामिल

नब्बे के दशक में परमवीर सिंह को मुंबई पुलिस के स्क्वॉड टीम का हिस्सा बनाया गया था. स्क्वॉड टीम एनकाउंटर करने के लिए जानी जाती है. परमवीर ने इस दौरान चर्चित डॉन अरुण गवली के इलाके में कई ऑपरेशन को अंजाम दिया था. अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई मामलों में उनकी भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं.

साध्वी प्रज्ञा मामला

भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने परमवीर सिंह पर फर्जी तरीके से कथित भगवा आतंकी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था. ठाकुर ने मीडिया को बताया था कि परमवीर ने जुर्म कबूलने के लिए उन पर काफी अत्याचार किए थे. 13 दिनों तक अवैध हिरासत में रखा. इस दौरान उन्हें बार-बार प्रताड़ित किया गया था. तब परमवीर मुंबई एटीएस में थे.

भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर

प्रज्ञा ने एक मीडिया चैनल को बताया था कि मुंबई पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारी परमवीर सिंह के साथ आए थे. उनसे मालेगांव धमाके में शामिल होने की बात कबूलने को कहा. ऐसा न करने पर उन्हें धमकी दी गई थी.

अजीत पवार मामला

मुंबई पुलिस प्रमुख बनाए जाने से पहले परमवीर सिंह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) प्रमुख थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने अजीत पवार को क्लीन चिट दे दी. पवार सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े एक मामले में आरोपी थे. मामला विदर्भ सिंचाई विकास निगम से जुड़ा था.

अजीत पवार (फाइल फोटो)

मुंबई हमला

मुंबई हमले (26 नवंबर 2008) के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में परमवीर के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी. आरोप था कि उन्हें वरीय अधिकारी की सलाह को नजरअंदाज किया. इसकी वजह से हमले में कई लोग मारे गए. उनकी लापरवाही की वजह से दो आतंकियों को जिंदा नहीं पकड़ा जा सका. याचिका में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर हसन गफूर के बयान का जिक्र किया गया था.

सुशांत सिंह राजपूत मामला

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या मामले में परमबीर सिंह की भूमिका पर कई सवाल उठे थे. अंतिम संस्कार जल्दी कराए जाने को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सुशांत के परिवार वालों ने सवाल उठाए. बिहार पुलिस जब इस मामले से जुड़ी जानकारी हासिल करने आई, तो उनके अधिकारी को क्वारंटीन करवा दिया गया. बिहार पुलिस के साथ कोई भी सूचना साझा नहीं की गई. बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने इसे संदिग्ध मामला बताया था.

सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो)

टीआरपी स्कैम

परमवीर सिंह ने दावा किया था कि टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक मीडिया शामिल है. कुछ और चैनलों के नाम लिए गए थे. इस मामले में जांच अब भी जारी है. रिपब्लिक मीडिया ने दावा किया है कि राजनीतिक इशारे पर उन पर आरोप लगाए गए हैं. इससे जुड़ा एक मामला सीबीआई के पास है.

Last Updated : Mar 17, 2021, 7:00 PM IST

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