लखनऊ :उत्तर प्रदेश की राजधानी में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेलों के विकास को लेकर आज देश में जबरदस्त काम हो रहा है. एक वक्त था जब देश में कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के दौरान ही बड़ा घोटाला हो गया था. उन्होंने यूपीए की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनियाभर के देश भारत में खेलने आए थे और चर्चा घोटाले की हो रही थी. कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान हुआ घोटाला पिछली सरकारों के खेलों के प्रति उदासीनता का बड़ा उदाहरण था. उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से 3000 करोड़ रुपये का खर्च करके देश में खेल प्रतिभाओं को मदद दी जा रही है. हम दुनिया की सबसे शक्तिशाली खेल सकती बनना चाहते हैं. लखनऊ के बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (बीबीडी) के क्रिकेट मैदान में आयोजित भव्य उद्घाटन समारोह के बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यह बातें गुरुवार की शाम कहीं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश पूरे देश के खेलों का संगम बन रहा है. आज 4000 खिलाड़ी उत्तर प्रदेश में आए हैं. उनमें से अधिकांश अलग-अलग राज्यों से हैं. अलग-अलग क्षेत्रों से हैं. मैं उत्तर प्रदेश का सांसद हूं. उत्तर प्रदेश की जनता का जनप्रतिनिधि हूं. यूपी के सांसद के नाते खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में यूपी आए हुए और आने वालेसभी खिलाड़ियों का में विशेष रुप से स्वागत करता हूं. इन खेलों का समापन समारोह काशी में आयोजित किया जाएगा. काशी का सांसद होने के नाते मैं उसको लेकर बहुत उत्साहित हूं. आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है तो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण का का महत्व अपने आप ने बहुत खास है. टीम स्पिरिट को बढ़ाने का एक भारत और श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ाने का बहुत ही उत्तम माध्यम बन गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन गेम्स के दौरान युवाओं का देश के विभिन्न क्षेत्रों से साक्षात्कार होगा परिचय होगा. जो खिलाड़ी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम में हिस्सा लेने आए हैं. यहां से ऐसा अनुभव लेकर जाएंगे जो जीवनभर उनके लिए यादगार पल बना रहेगा. मैं आप सभी को आने वाली स्पर्धाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. मोदी ने कहा कि पिछले 9 साल में भारत में खेलों का एक नया युग शुरू हुआ है. यह नया युग. विश्व में भारत को सबसे बड़ी खेल सकती बनाने के लिए अग्रसर है. सशक्तिकरण का नया दौर है. एक समय था जब हम हमारे देश में खेलों को लेकर उदासीनता का भाव था. सपोर्ट भी कॅरियर हो सकता था यह कम ही लोग मानते थे. इसकी वजह थी स्पोर्ट्स को सरकार से जितना समर्थन और सहयोग मिलना चाहिए था वह मिलता नहीं था. ना ही स्पोर्ट्स इन फर्स्ट अक्षर पर ध्यान दिया जाता था. ना ही खिलाड़ियों की जरूरतों का ध्यान रखा जाता था. इसीलिए गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों के लिए गांव देहात के बच्चों के लिए खेल में आगे बढ़ पाना बहुत मुश्किल था.