तुमकुरू : कर्नाटक (Karnataka) के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार (S Suresh Kumar) ने आज (शनिवार) 10वीं कक्षा की एक छात्रा से मुलाकात की, जिसने शुल्क का भुगतान न करने के कारण स्कूल द्वारा बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होने देने को लेकर शिकायत की थी. मंत्री ने छात्रा को मदद का आश्वासन दिया.
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि कोराटागेरे के हनुमंतपुरा की लड़की दक्षिण कन्नड़ जिले के एक निजी स्कूल में पढ़ रही थी, लेकिन कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण, वह शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ थी.
हाल ही में सुरेश कुमार को भेजे एक ईमेल में छात्रा ने बताया कि उसे स्कूल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया, क्योंकि उसने छात्रावास के शुल्क का भुगतान नहीं किया था.
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छात्रा ने मंत्री को लिखा, पिछले साल की स्कूल फीस (आवास और भोजन) के बकाया के कारण, मुझे इस साल प्रवेश से वंचित कर दिया गया. मुझे किसी भी रियायत की आवश्यकता नहीं है. बस हमें कुछ समय दे दें. मेरे माता-पिता इसका (बकाया) भुगतान कर देंगे. मैंने 9वीं में 96 फीसदी अंक हासिल किए हैं. कृपया मुझे 10वीं कक्षा की परीक्षा देने का अवसर दिया जाए.
बता दें कि जैसे ही ये मामला सुरेश कुमार के संज्ञान में आया, उन्होंने लड़की को फोन किया और उसे आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया. शनिवार को, मंत्री ने लड़की से मुलाकात की और उससे कहा कि उसके पास अभी भी पूरक परीक्षा में बैठने का मौका है.
मंत्री के कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि सुरेश कुमार ने उसे यह भी बताया कि उसकी तरह कई बच्चों को परेशानी हो रही है और फीस को लेकर घबराने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. कर्नाटक सरकार ने एसएसएलसी परीक्षा 19 और 22 जुलाई को आयोजित करने का फैसला किया है.
(भाषा)