बेलगावी: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों ने अपने कद्दावर नेताओं को मैदान में उतारा है. इन नेताओं में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. इसी कड़ी में राज्य के सबसे बड़े जिले बेलगावी में कई विधानसभा सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया है. बेलगावी में कुल 18 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 6 निर्वाचन क्षेत्रों से इस बार महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया है.
बेलागवी न केवल कर्नाटक का सबसे बड़ा जिला है, बल्कि इसे राजनीति का पावरहाउस भी कहा जाता है. कई पुरुष विधायकों के साथ-साथ महिला विधायकों ने भी यहां से अपनी पहचान बनाई है. इस बार के चुनाव में जहां कांग्रेस पार्टी से विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर, अंजलि निंबालकर, प्रभावती मस्तमर्दी चुनावी मैदान में उतरी हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी से शशिकला जोले, स्वर्गीय आनंद ममानी की पत्नी रत्ना ममानी पहली बार चुनावी अखाड़ें में जोर आजमाने वाली हैं. इसके अलावा जेडीएस ने अश्विनी सिंघैया पुजेरा पर अपनी उम्मीद जताई है.
कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर अब एक कद्दावर नेता बन गई हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में पहले प्रयास में उन्हें हार मिली थी. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी. बेलगावी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से 2018 के विधानसभा चुनाव में बेलगाम से लक्ष्की हेब्बलकर ने चुनाव लड़ा था और 50 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की. इस बार फिर वह कांग्रेस पार्टी से ही चुनाव लड़ रही हैं.
जिले की एक और मंत्री शशिकला जोले तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं. 2013 में पहली बार शशिकला जोले जीतीं थीं. 2018 का चुनाव जीतने और विधायक बनने के अलावा, वह पूर्व सीएम येदियुरप्पा सरकार और बोम्मई सरकार में मंत्री भी बनीं. वह जोले की शान मानी जाती हैं, क्योंकि जिले में कद्दावर नेता होने के बावजूद उन्हें मंत्री पद मिला. अब उन्हें हैट्रिक जीत की उम्मीद है. 2013 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाली डॉ. अंजलि निंबालकर पहले चुनाव में हार गई थीं.